kawardha dhan kharidi: कलेक्ट्रेट मुख्य मार्ग पर किसानों ने ताना तंबू, दे रहे धरना
- धान उपार्जन केन्द्रों में हो रही परेशानियों का हवाला देकर बैठ धरने पर
कवर्धा/नवप्रदेश। धान खरीदी (kawardha dhan kharidi) मेंं आ रही परेशानियों का हवाला देकर किसान (farmer stage sit in) मंगलवार को कवर्धा कलेक्ट्रेट (kawardha collectorate) के मुख्यमार्ग (main road) पर ही तंबू (tent) तानकर धरने (sit in) पर बैठ गए।
कवर्धा (kawardha dhan kharidi) के किसानों (farmer stage sit in) का कहना है कि आए दिन मौखिक आदेश व मौसम की बेरुखी से उन्हें उपार्जन केंद्रों पर धानी खरीदी (dhan kharidi) को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानाें के मुताबिक वे अपनी मांगों को लेकर पहले भी ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ नहीं किया गया।
इसलिए उन्हें यह रास्ता अपनाना पड़ा। किसानों की चिंता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि धान खरीदी खत्म होने की दिन ब दिन तारीख पास आ रही है लेकिन जिले से अब तक सिर्फ 30 फीसदी धान ही खरीदा जा सका है। जिले में कलेक्ट्रेट (kawardha collectorate) मुख्यमार्ग (main road) पर तंबू (tent) तानकर किया जा रहा ये अपने प्रकार का पहला आंदाेलन है।
समय बिताने भजनों का सहारा
धरने पर बैठे किसान सड़क पर समय काटने के लिए भजनों का सहारा ले रहे हैं। इसके लिए संगीत की भी व्यवस्था की गई है। धरनास्थल पर बाकायदा हारमोनियम, तबला, ढोल, मंजिरा आदि ला लिया गया है।
पहले बिछाई चटाई, फिर ताना तंबू
- किसानों ने भी अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर मुख्य मार्ग पर पहले तो चटाई बिछाई फिर शांति से अपने मांगों को रखने लगे।
- ज्ञापन लेने के लिए सबसे पहले तहसीलदार पहुंचे लेकिन किसान अड़े रहे कि वे नोडल अधिकारी को ही ज्ञापन सौंपेगें।
- जिला प्रशासन कि ओर से खाद्य अधिकारी भी किसानों के बीच पहुंचें लेकिन कुछ न हो सका।
- आखिरकार किसानों ने मुख्य मार्ग पर ही टेंट लगाकर धरना देना प्रारंभ कर दिया।
- जिसके चलतें आम लोगों को भी असुविधाएं हुईं। शाम के 6:30 बजे कवर्धा एसडीएम भी किसानों को समझाने के लिए पहुंचे लेकिन उनकी बातों का भी कोई असर नहीं हुआ।
- देर रात समाचार के लिखे जाने तक किसान इस मांग को लेकर अड़े हैं कि वे ज्ञापन सिर्फ धान खरीदी के नोडल अधिकारी के हाथों ही सौंपेंगे।और उनका धरना जारी है।
- बता दें जिले में धान खरीदी के नोडर अधिकारी सहकारिता के अफसर बद्री चंद्रवंशी हैं।
- समाचार के लिखे जाने तक किसान कलेक्टर कार्यालय के मुख्य मार्ग पर धरना देते देर शाम तक बैठे रहे।
आमजन के लिए अलाव, पर धरना दे रहे किसानों के लिए नहीं
जिले के विभिन्न गांवाें से आए किसान कड़ाके की ठंड में धरना दे रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार जिले में आमजनों के लिए जगह जगह अलाव की व्यवस्था की जा रही है लेकिन इन किसानों के लिए अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
दोपहर से भूखे, रात करीब 10 बजे शुरू किया खाना बनाना
मुख्यमार्ग पर दोपहर से जमे किसान देर रात तक भूखे ही रहे। रात करीब 10 बजे अपने स्तर पर खाना बनाने की व्यवस्था की। आनन फानन में सिलेंडर, दाल-चावल की व्यव्था की गई।
किसान बोले- 30 फीसदी धान ही खरीदा गया अब तक
किसान संघ के जिला अध्यक्ष दानेश्वर सिंह परिहार, मुकेश कुमार, अरुण वर्मा समेत अन्य किसानों ने बताया कि उर्पाजन केन्द्रों में अघोषित रूप से धान खरीदी की लिमिट तय कर दी गई है, टोकन सिस्टम भी फेल है। कम मात्रा में टोकन दिया जा रहा है। इसके चलते जिले के किसानों को परेशानी हो रही है। किसानों का आधे से भी कम धान सोसायटियों में खरीदा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि धान बेचने के बाद भी किसानों के खाते में 10 दिन से राशि नहीं पहुंची है।
कलेक्टर- 42 से 43 फीसदी तक हो चुकी खरीदी
किसान स्वेच्छा से धरने पर बैठे हैं। लोगों के आने-जाने के लिए रूट डायवर्ट कर दिया गया है। यह कहना गलत है कि जिले में सिर्फ 30 फीसदी ही धान खरीदा गया है। अन्य जिलों की तुलना में जिले से अच्छी धान खरीदी हुई। करीब 42-43 फीसदी धान खरीदा जा चुका है और अभी एक माह का समय बचा है। छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। धरना देने वाले अधिकतर बड़े किसान हैं। आंदोलनरत किसानों से बात चल रही है। केंद्रों पर उपलब्ध बारदाना आदि की व्यवस्था के अनुरूप खरीदी की जा रही है।
-अवनीश कुमार शरण, कलेक्टर, कवर्धा
जिलाधीश महोदय साफ झूठ बोल रहे है धरना प्रदर्शन में छोटे और बड़े सभी किसान है ।
प्रशासन के द्वारा सोसायटी के अध्यक्ष एवं प्रबंधक को धमकाया जा रहा है,की कम से कम खरीदी किया जाए।शर्म की बात है जिला का कलेक्टर इतने बड़े पद में रहने के बाद झूठ बोल रहे हैं।