BREAKING: “राज्यपाल उपस्थित हों…” तहसीलदार ने भेजा नोटिस, जिला कलेक्टर ने किया निलंबित
-18 अक्टूबर को राज्यपाल को नोटिस जारी कर दिया
लखनऊ। Tehsildar sent notice Governor: उत्तर प्रदेश से प्रशासन का एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल एक तहसीलदार ने राज्यपाल को नोटिस जारी किया था। हालांकि इस घटना के बाद सचिव के आदेश पर संबंधित तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्हें निलंबित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के बदायू जिले के तहसीलदारों ने राज्यपाल के नाम नोटिस जारी कर उन्हें पेश होने का आदेश दिया है। इस आदेश के सामने आते ही हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद संबंधित तहसीलदारों को निलंबित कर दिया गया।
बदायू में सदर तहसील कार्यालय के तहसीलदार और मजिस्ट्रेट ने कानूनी मुद्दों का अध्ययन किए बिना 18 अक्टूबर को सीधे राज्यपाल को नोटिस जारी कर दिया। तदनुसार, राज्यपाल को तहसीलदार के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया। इसके बाद, राज्यपाल के सचिव ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर संबंधित अधिसूचना के बारे में पूछताछ की।
संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ कोई नोटिस या समन जारी नहीं किया जा सकता है। तहसीलदारों की कार्रवाई को धारा 361 का उल्लंघन बताकर चुनौती दी गई। साथ ही इस पत्र में संबंधित जिला कलेक्टरों से इस संबंध में जवाब देने और तहसीलदारों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। यह पत्र राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने भेजा है। इसी के तहत कलेक्टर ने तहसीलदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
बदांयू तालुका के लोडा बहेड़ी गांव के चंद्रहास ने लेखराज, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए सदर तहसील कार्यालय के तहसीलदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के मुताबिक, चंद्रहास की चाची कटोरी देवी की जमीन (संपत्ति) उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम कर ली थी। इसके बाद, संपत्ति लेखराज को बेच दी गई।
इसी बीच कुछ दिनों बाद सरकार ने बाइपास के पास इस जमीन का एक हिस्सा अधिग्रहीत कर लिया। इसलिए, सरकार ने लेखराज को मुआवजे के रूप में 12 लाख रुपये का भुगतान किया। इसकी जानकारी मिलते ही कटोरी देवी ने अपनी भतीजी चंद्रहास के माध्यम से तहसील दराव न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष संबंधित शिकायत दर्ज करायी।
इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए तहसीलदार विनीत कुमार ने लेखराज और प्रदेश के राज्यपाल को धारा 144 के तहत नोटिस जारी किया है। नोटिस 10 अक्टूबर को राज्यपाल भवन पहुंचा। इसमें राज्यपाल को 18 अक्टूबर को तहसील कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।