Aditya-L1: लॉन्च रिहर्सल और रॉकेट इंटरनल चेकिंग में परफेक्ट हमारा सूर्य मिशन, लॉन्चिंग की कैसी है तैयारी?
नई दिल्ली। Aditya-L1: भारत के सूर्य मिशन यानी आदित्य-ए1 मिशन के लॉन्च की सारी तैयारियां हो चुकी हैं। पीएसएलवी-सी57 रॉकेट भारत के पहले सोलर मिशन को लेकर लॉन्च पैड पर पहुंच चुका है। 30 अगस्त 2023 को लॉन्च रिहर्सल पूरा हो चुका है। रॉकेट के सभी अंदरूनी हिस्सों की जांच कर ली गई है।
रॉकेट की सेहत पूरी तरह से ठीक है। लॉन्चिंग 2 सितंबर 2023 की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगी। आदित्य-एल1 को इसरो का सबसे भरोसेमंद रॉकट पीएसएलवी-सी 57 धरती की लोअर अर्थ ऑर्बिट में छोड़ेगा। इसके बाद तीन या चार ऑर्बिट मैन्यूवर करके सीधे धरती के स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस से बाहर जाएगा। फिर शुरू होगा क्रूज फेज।
यह थोड़ा लंबा चलेगा।इसके बाद आदित्य-एल1 को हैलो ऑर्बिट में डाला जाएगा। जहां पर एल1 प्वाइंट होता है। यह प्वाइंट सूरज और धरती के बीच में स्थित होता है। लेकिन सूरज से धरती की दूरी की तुलना में मात्र 1 फीसदी है। इस यात्रा में इसे 127 दिन लगने वाला है। इसे कठिन इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसे दो बड़े ऑर्बिट में जाना है।
कठिन यात्रा की शुरुआत धरती की ग्रैविटी से बाहर जाना
पहली कठिन ऑर्बिट है धरती के एसओआई से बाहर जाना। क्योंकि पृथ्वी अपने गुरुत्वाकर्षण शक्ति से उसके आसपास हर चीज को खींचती है। इसके बाद है क्रूज फेज और हैलो ऑर्बिट में एल1 पोजिशन को कैप्चर करना। अगर यहां उसकी गति को नियंत्रित नहीं किया गया तो वह सीधे सूरज की तरफ चलता चला जाएगा। और जलकर खत्म हो जाएगा।