LIVE: चंद्रयान-3 लैंडिंग के लिए मौजूदा अनुकूल माहौल; चंद मिनट बचे हैं, इसो ने दिया बड़ा अपडेट
-इसरो नियमित रूप से जांच कर रहा है कि चंद्रयान-3 के सभी सिस्टम ठीक से कर रहे काम
नई दिल्ली। Chandrayaan-3: आज का दिन और शाम 6:00 बजे का समय भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। इसकी वजह भारत का चंद्रयान-3 मिशन है। पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने वाला भारत का चंद्रयान-3 आज शाम 6 बजे चांद पर उतरेगा। चंद्रयान-3 की लैंडिंग में चंद मिनट बचे हैं। इस बीच एक अहम जानकारी सामने आई है।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए माहौल अनुकूल है। तो इसरो ने कहा है कि वह लैंडिंग की कोशिश करेगा।इसरो नियमित रूप से जांच कर रहा है कि चंद्रयान-3 के सभी सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। अगर इन प्रणालियों और चंद्रमा पर वायुमंडल में उम्मीद से कुछ बदलाव होता है, तो इसरो ने चंद्रयान-3 को 23 अगस्त के बजाय 27 अगस्त को उतारने का विकल्प भी रखा है। लेकिन फिलहाल इस्त्रो ने कहा है कि चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए अनुकूल माहौल है।
निर्धारित समय के अनुसार आज शाम 6:04 बजे लैंडर विक्रम यदि सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर जाता है तो वह तुरंत अपना मिशन शुरू कर देगा। सफल लैंडिंग के बाद इसमें से छह पैरों वाला रोवर प्रज्ञान निकलेगा। इसरो से कमांड मिलते ही यह चंद्रमा की सतह पर चल देगा।
यह 500 मीटर तक जाएगा और इसरो को पानी और उसके वातावरण के बारे में जानकारी देगा। इस बीच, प्रज्ञान अपने पहियों पर अशोक स्तंभ और चंद्रमा पर इसरो के लोगो की छाप भी छोड़ेगा। केंद्र से कमांड मिलने के बाद लैंडर मॉड्यूल अपने इंजन चालू कर देगा और मिशन ऑपरेशंस टीम उसे लगातार कमांड भेजेगी। पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण शाम 5.20 बजे से शुरू होगा।
लैंडिंग के बाद क्या होता है?
विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद यह और अधिक सक्रिय हो जाएगा. अपना रैंप खोलने के बाद प्रज्ञान रोवर चांद पर उतरेगा. इसके बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर एक-दूसरे की तस्वीरें लेंगे और उन्हें पृथ्वी पर भेजेंगे।
जिन्होंने दिखाया सपना, चांद पर उतरेंगे उनके नाम ‘विक्रम’
पं. जवाहरलाल नेहरू और शोधकर्ता डॉ. विक्रम साराभाई की संकल्पना से 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति की स्थापना की गई। यहीं से 15 अगस्त 1969 को इसरो की स्थापना हुई। चांद पर जाने का सपना आज पूरा होगा।