Supreme ban on Rahul’s Sentence Modi Surname : घर भी मिलेगा और 133 दिन बाद सांसदी भी होगी बहाल
0 सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम वाले मामले पर राहुल को राहत देते हुए कहा ; सजा का असर राहुल ही नहीं, वोटर्स पर भी पड़ा
नई दिल्ली/नवप्रदेश डेस्क। Supreme ban on Rahul’s Sentence Modi Surname ; सरकारी कोठी से बेदखल होने के साथ ही संसद की सदस्यता भी खो चुके राहुल गांधी को आखिरकार 133 दिन बाद न्याय मिल ही गया। उन्होंने निचली दोनों अदालतों से निराश होकर सप्रीम कोर्ट पहुंचे और वो आखिरकार बड़ी राहत के हकदार भी बनें। राहुल की याचिका पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायलय ने कहा- सजा का असर राहुल ही नहीं, वोटर्स पर भी पड़ा है। इससे साफ हो जाता है कि अब राहुल की सजा पर 133 दिन बाद रोक लगाने के फैसले के बाद उनकी सांसदी बहाल होगी और घर भी मिलेगा।
सुप्रीम फैसले में सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी
हम जानना चाहते हैं कि जज ने अधिकतम सजा क्यों दी। ट्रायल जज को फैसले में बताना चाहिए था कि उन्होंने अधिकतम सजा क्यों दी। अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी को डिसक्वालिफाई नहीं किया जाता। अधिकतम सजा के चलते एक लोकसभा सीट बिना सांसद के रह जाएगी। यह सिर्फ एक व्यक्ति के अधिकार का ही मामला नहीं है, ये उस सीट के अधिकार का ही मामला नहीं है, ये उस सीट के वोटर्स के अधिकार से भी जुड़ा मसला है। वोटर्स के इस बात में कोई शक नहीं कि भाषण में जो भी कहा गया, वह अच्छा नहीं था। नेताओं को जनता के बीच बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। यह राहुल गांधी का कर्तव्य बनता है कि इसका ध्यान रखें।
राहुल के लिए इस फैसले से दो अहम बातें होंगी
सुप्रीम कोर्ट से राहत भरे फैसले के बाद अब राहुल गांधी की सांसदी फिर से बहाल होगी और वो मौजूदा सत्र में शामिल हो सकेंगे। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में राहुल चाहें तो चुनाव लड़ सकते हैं। राहुल को फिर से बतौर सांसद मिलने वाला सरकारी घर मिल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को फैसले में कहा, ‘जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी।’ सुनवाई की नई तारीख अभी नहीं बताई है।
तीन जजों की बेंच ने सुना पूरा प्रकरण
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच में राहुल का प्रकरण है। 21 जुलाई को पहली सुनवाई में जस्टिस गवई ने कहा कि उनके पिता कांग्रेस से जुड़े हुए थे और भाई भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। ऐसे में उनके सुनवाई करने से किसी पक्ष को कोई आपत्ति तो नहीं है। इस पर दोनों पक्षों ने कहा कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है।
राहुल और पूर्णेश मोदी के वकील ये हैं
शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से महेश जेठमलानी और राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी हैं। कोर्ट ने कहा शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है। उन्होंने ये सरनेम बाद में अपनाया है।