DMF funds under ED’s radar : ED के रडार में कोयला और शराब के बाद अब DMF फंड
0 बस्तर संभाग के एक जिला प्रशासन से मांगी पूरी रिपोर्ट
रायपुर/नवप्रदेश। DMF funds under ED’s radar : प्रदेश में डेरा जमाये बैठी ED के रडार में पहले शराब और कोयला घोटाला था। अब केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर छत्तीसगढ़ की खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) पर है। खबर है कि ईडी ने राज्य सरकार व बीजापुर जिला प्रशासन को पत्र भेजकर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) का 2016 से लेकर अब तक पूरा हिसाब मांगा है।
DMF funds under ED’s radar : करीबी सूत्र के अनुसार राज्य में अब तक मारे गए छापों और जांच में ईडी को डीएमएफ में भी गड़बड़ी के कुछ साक्ष्य मिले हैं। डीएमएफ के तार कथित कोयला घोटाला से जुड़ रहा है। चर्चा है कि इसी वजह से ईडी ने डीएमएफ को भी अपने जांच के दायरे में ले सकती है।
बीजापुर को नोटिस की वजह एक अफसर
बीजापुर जिला प्रशासन को नोटिस के पीछे सहायक आयुक्त के ED रडार में आने के बाद का एक्शन माना जा रहा है। श्रीकांत दुबे आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त रहे हैं। दुबे बीजापुर और कोरबा में पदस्थ रहे हैं। अभी वे राजनांदगांव में पदस्थ है। 21 जुलाई को ईडी ने राजनांदगांव स्थित उनके ठिकानों पर छापा मारा था। कोरबा में पदस्थाना के दौरान दुबे पर डीएमएफ में गड़बड़ी का आरोप लगा था। चार साल पहले राज्य सरकार ने उन्हें इसी मामले में निलंबित भी कर दिया था।
सरकार से भी डीएमएफ का हिसाब मांगा
सूत्रों के अनुसार बीजापुर से पहले ईडी ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर डीएमएफ का हिसाब मांगा है। इसमें कोरबा को लेकर स्पेसिफिक जानकारी मांगी गई है। ईडी ने सरकार से डीएमएफ को लेकर कुल 7 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इसमें वर्षवार जिलों को आंवटित फंड और खर्च आदि का विस्तृत ब्योरा शामिल है।
राज्य में 10 हजार करोड़ का है डीएमएफ
छत्तीसगढ़ खनिज संपन्न राज्य है। ऐसे में यहां डीएमएफ के तहत बड़ी राशि प्राप्त होती है। राज्य में डीएमएफ के रुप में करीब 10 हजार करोड़ रुपये सरकार के पास आता है। राज्य सरकार की वेबसाइट में 10513 करोड़ संग्रहण बताया गया है। डीएमएफ के तहत स्वीकृत कामों की लगात 11362 करोड़ और अब तक कुल व्यय 7928 करोड़ बताया गया है। राज्य में कोरबा, रायगढ़, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर सहित कुल 12 जिला हैं जहां से ज्यादा डीएमएफ मिलता है।
क्या है डीएमएफ, कैसे करना है खर्च
राज्य में खोदे जाने वाले खनिज से एक निश्चित राशि डीएमएफ के रुप में वसूला जाता है। इस राशि का उपयोग खनिज प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य शिक्षा व मूलभूत जरुरतों को पूरा करने सहित उनके कल्याण और प्रभावित क्षेत्र के पर्यावरण को सुधारने में किया जाता है। इस फंड के दुरुपयोग की शिकायत और आरोप पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय से ही लगते रहे हैं।
नोटिस में कोयला और कोरबा कनेक्शन
बता दें कि ईडी राज्य में कोयला घोटला की जांच कर रही है। इस मामले में ईडी कोरबा सहित कोयला खदान वाले क्षेत्रों में छापे मारी और जांच के बाद दो आईएएस सहित पांच से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। चर्चा है कि इन्हीं छापों के दौरान डीएमएफ के दुरुपयोग के भी साक्ष्य ईडी के हाथ लगे हैं।