घटिया कार्यों की आग में जला बकावंड का सरकारी अस्पताल, युवक झुलसा |

घटिया कार्यों की आग में जला बकावंड का सरकारी अस्पताल, युवक झुलसा

Bakavand's government hospital burnt in the fire of shoddy works, youth scorched

bakawand

-शॉट सर्किट से हॉस्पिटल में लगी आग

बकावंड/नवप्रदेश। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कल सुबह आग लग गई। आग में एक युवक मामूली तौर पर झुलस गया। वहीं बेडशीट समेत कुछ अन्य कपड़े भी जल गए। आग की वजह शॉट सर्किट बताई जा रही है, लेकिन मुख्य कारण कुछ और ही है। अस्पताल में इलेक्ट्रीफिकेशन के लिए घटिया वायर, उपकरण और अन्य निर्माण में स्तरहीन लकडिय़ों का उपयोग किए जाने के कारण आग भड़की थी, ऐसा माना जा रहा है।

शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बकावंड में गुरुवार को सुबह करीब 10.30 बजे अचानक आग लग गई। आग इतनी तेजी से भड़की कि वहां मौजूद लोगों को सम्हलने का मौका नहीं मिल पाया। बताया जाता है कि वहां लगे एसी और तारों से चिंगारियां उठने लगीं और पूरी वायरिंग धू धूकर जलने लगीं। पास बैठा राजेश कुमार सोनी नामक युवक चिंगारियों की चपेट में आकर झुलस गया। कमरे में मौजूद मरीजों और उनके परिजनों को तत्काल बाहर निकाल लिया गया।

सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिस जवानों ने एसी को अलग कर उसमें तथा तारों में लगी आग को बुझाया। झुलसे राजेश का अस्पताल में ही प्राथमिक उपचार किया गया। अचानक आग लगने से मरीज, उनके परिजन और हॉस्पिटल स्टॉफ के सारे सदस्य सहम गए थे। घटना के समय वहां अस्पताल के सभी कर्मचारी उपस्थित थे तथा डॉक्टर्स ओपीडी में बैठकर मरीजों का ईलाज कर रहे थे। आग लगने की सूचना मिलते ही पूरे कैंपस में हड़कंप मच गया और अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया। आग मामूली रूप से लगी थी और उस पर समय रहते काबू पा लिया गया। इसलिए बड़ी अनहोनी नहीं हो पाई। अन्यथा जान माल का भारी नुकसान हो जाता।

घटिया विद्युतीकरण और निर्माण है वजह

सूत्र बताते हैं कि बीएमओ ने अस्पताल के निर्माण और इलेक्ट्रीफिकेशन में जमकर अनियमितता बरती है। जो विद्युत चलित उपकरण लगवाए गए हैं, वे निहायत ही घटिया स्तर के हैं। उनकी गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया है। विद्युतीकरण में बहुत ही हल्के दर्जे के वायरों का इस्तेमाल किया गया है। निर्माण में उपयोग की गई लकडिय़ां भी घटिया स्तर की और जल्द जलने वाली हैं।

चंद रुपयों के लोभ में बकावंड के विकासखंड चिकित्सा अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों ने अस्पताल भवन निर्माण, विद्युतीकरण, फर्नीचर आदि में जमकर गड़बड़ी की है। इसकी परिणति आग लगने की घटना के रूप में सामने आई है। अभी तो मामूली हादसा ही हुआ है, भविष्य में गंभीर दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।

बीएमओ ने कटवा दिए बीस पेड़

कलेक्टर के फरमान को धता बताते हुए स्थानीय बीएमओ ने अस्पताल परिसर में स्थित लगभग बीस नग हरे भरे पेड़ों को कटवा दिया है। बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम के. ने साफ तौर पर हिदायत दे रखी है कि किसी भी निर्माण कार्य को पर्यावरण को जरा भी क्षति पहुंचाए बिना पूर्ण किया जाए। वहीं बकावंड में पदस्थ विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल परिसर में स्थित करीब बीस हरे भरे पेड़ों को कटवाकर न सिर्फ कलेक्टर के निर्देश की धज्जियां उड़ाई हैं, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। उनके इस कृत्य की जमकर आलोचना हो रही है।

कलेक्टर विजय दयाराम के. जबसे बस्तर जिले में पदस्थ हुए हैं, पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार पहल कर रहे हैं। हाल ही में कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करते समय अधिकारियों से साफ तौर पर कहा था कि स्वास्थ्य केंद्रों में निर्माण कार्य पेड़ों को क्षति पहुंचाए बिना अंजाम दिए जाएं। कलेक्टर के इस हिदायत को सामने आए हफ्ता भी नहीं गुजरा था कि बकावंड विकासखंड मुख्यालय में अनेक हरे भरे पेड़ों को जमींदोज कर दिए जाने की त्रासदीपूर्ण घटना सामने आ गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्थित लगभग बीस विशाल पेड़ों को मौजूदा विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने कटवा दिए। ये पेड़ पूर्व के खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा लगवाए गए थे और विशाल आकार ले चुके थे। वर्तमान बीएमओ ने इन पेड़ों की कटाई के लिए सक्षम अधिकारी अथवा वन विभाग से अनुमति भी नहीं ली थी।

इस तरह बीएमओ ने पर्यावरण को तो भारी नुकसान पहुंचाया ही, कलेक्टर के फरमान की भी हत्या कर दी। स्थानीय पर्यावरण प्रेमी नागरिक बीएमओ के इस कृत्य की खुलकर आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बकावंड में पदस्थ वन विभाग के अफसरों ने भी इस अवैध कटाई को रोकने की पहल नहीं की।

करेंगे कड़ी कार्रवाई
बकावंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगी आग, पेड़ों की अवैध कटाई तथा अन्य अनियमितताओं की जांच कराई जाएगी। इन मामलों में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूर की जाएगी।
डॉ. चतुर्वेदी, सीएमएचओ, बस्तर

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