Dheerenra Shastri Announcement : अतीक और अशरफ की हत्या के बाद बाबा बागेश्वर ने लिया बड़ा फैसला, देखिए क्या कहा वीडियो में…
प्रयागराज, नवप्रदेश। प्रयागराज में माफिया अतीक और अशरफ अहमद की हत्या के बाद पूरे राज्य में धारा 144 लागू है। जिसके चलते किसी जगह पर भीड़ इकट्ठा करना गैरक़ानूनी है। राज्य में धारा 144 लगने के बाद बागेश्वर बाबा ने भी बड़ा फैसला लिया (Dheerenra Shastri Announcement) है।
प्रदेश में विश्वकल्याण और हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना के साथ 5 दिनों तक हनुमंत कथा करने आ रहे बाबा बागेश्वर ने कानपुर की अपनी कथा स्थगित कर दी है।
17 अप्रैल से 21 अप्रैल तक होनी थी कथा
बाबा बागेशर ने ट्वीट के जरिए अपने भक्तों को संदेश दिया कि प्रदेश में धारा 144 लागू होने के चलते उत्तर प्रदेश में वर्तमान में जो स्थिति निर्मित हुई है। प्रत्येक व्यासपीठ को और आचार्यो का भी कर्तव्य है की समूचे विश्व कल्याण के हित के लिए सोचना और विचार करना (Dheerenra Shastri Announcement) चाहिए।
इसी भाव को प्रमुखता देते हुए की उत्तर प्रदेश में किसी भी प्रकार की धार्मिक सद्भावना ना बिगड़े, किसी भी प्रकार से किसी की भावना को ठेस ना पहुंचे 17 अप्रैल से 21 अप्रैल तक पांच दिवसीय होने वाली श्री हनुमान कथा को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर रहें हैं।
कथा को कुछ समय के लिए आगे बढ़ाया – बागेश्वर बाबा
बाबा बागेश्वर ने आगे कहा हमनें और हमारे पूर्वजों ने भारतीय संविधान को स्वीकार किया उसका निर्वाहन करना एक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार (Dheerenra Shastri Announcement) है।
इसीलिए उत्तर प्रदेश में 144 धारा लागू है हमें लगता है ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रहित में और प्रदेश के उत्थान और हित के लिए कथा को आगामी समय तक के लिए आगे बढ़ा देनी चाहिए। इसलिए 17 से 21 को हनुमंत कथा वर्तमान में कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है।
जब हनुमान जी हमें प्रेरणा देंगे तब करेंगे कथा – बाबा बागेश्वर
हालांकि बाबा बागेश्वर अभी भी अपने एजेंडे पर कायम है। हिंदू राष्ट्र के सपने के साथ उन्हें उत्तर प्रदेश में आगे भी जगह-जगह कथा करना है यही वजह है उन्होंने कहा अनुकूल समय में जब हनुमान जी हमें प्रेरणा देंगे तब हम उत्तर प्रदेश को राम मय बनाने और हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना के साथ आएंगे।
हालांकि बाबा ने उत्तर प्रदेश की जनता को समझाते हुए कहा हम ऐसे माहौल में सभी ऐसे कार्य करें जिससे विश्वकल्याण हो समाज का उत्थान हो और किसी का भी हृदय विदीर्ण ना हो।