Marriage Of Woman With Transman : ट्रांस पुरुष और महिला के बीच हुआ विवाह चर्चाओं में, ब्राह्मण पुजारी, पवित्र अग्नि और मंगलसूत्र सब गायब, जानिए पूरा मामला
चेन्नई, 19 फरवरी। तमिलनाडु में एक ट्रांस पुरुष और एक महिला के बीच हुआ विवाह चर्चाओं से घिर गया है। 14 फरवरी को हुई इस शादी के बंधन में बंधे वाले अरुण फैज़ और अरुणा देवी ने इसे ‘सेल्फ-रेस्पेक्ट मैरिज’ के रूप में रजिस्टर किया गया (Marriage Of Woman With Transman) है।
सेल्फ रेस्पेक्ट मैरिज तमिलनाडु में होने वाला एक विशेष विवाह है जिसमें पंडित की जरुरत नहीं होती। यह विवाह एक ऐसा विवाह है जिसमें ब्राह्मण पुजारी, पवित्र अग्नि, सप्तपदी और मंगलसूत्र शामिल नहीं होते हैं।
इस विवाह को वैध बनाने वाला तमिलनाडु एकमात्र राज्य है। 1967 में, पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई ने तमिलनाडु में स्वाभिमान विवाह को वैध कर दिया और यह 1968 में एक अधिनियम बन गया। बातचीत में अरुण ने कहा कि उन्हें छह महीने पहले प्यार हो गया और फिर शादी करने का फैसला किया।
हालांकि इनके फैसले का परिजनों ने काफी विरोध भी किया। इसके बाद दोनों ने वकील बी.बी. मोहन से संपर्क किया, जिन्होंने उन्होंने मणिधाम फाउंडेशन से (Marriage Of Woman With Transman) मिलाया। फाउंडेशन ने दोनों के विवाह को संपन्न कराने में मदद की जिसे 16 फरवरी को आधिकारिक रूप से मान्यता मिल गई।
पेरियार से थी प्रभावित
नवविवाहित जोड़ा पेरियार के आदर्शों का पालन करता है जिनसे प्रेरित होकर उन्होंने सेल्फ-रेस्पेक्ट मैरिज करने का फैसला किया। अरुण का मानना है कि इस तरह से उन्होंने उत्पीड़न की बेड़ियों को तोड़ा (Marriage Of Woman With Transman) है। हालांकि अभी भी उन्हें समाज में आने वाली कई कठिनाइयों का सामना करना है। दोनों जोड़े अपनी शादी के बाद बेहद खुश हैं।