Chhattisgarh Government Scheme : छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना का लाखों परिवार को मिल रहा लाभ, 15 महीनों में ही 81.97 करोड़ से ज्यादा की हुई बचत

Chhattisgarh Government Scheme : छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना का लाखों परिवार को मिल रहा लाभ, 15 महीनों में ही 81.97 करोड़ से ज्यादा की हुई बचत

रायपुर, नवप्रदेश।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सार्थक पहल से छत्तीसगढ़ के गरीब जनता तक सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार मुख्यमंत्री  की सर्वोच्च प्राथमिकता रही (Chhattisgarh Government Scheme) है।

इसके लिए राज्य के सभी नगरीय निकायों में श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना के तहत जेनेरिक दवाओं की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इन दुकानों में देश की ख्याति प्राप्त कंपनियों की जेनेरिक दवाईयां 50 से 70 प्रतिशत कम कीमत पर उपलब्ध है।

धन्वंतरी दवा दुकानों में सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर, इन्सुलिन के साथ गंभीर बीमारियों की दवा, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आईटम भी रियायती मूल्य पर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की पहल पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना 20 अक्टूबर 2021 से शुरू की गई है।

योजना के तहत राज्य के समस्त 169 नगरीय निकायों में 194 श्री धनवंतरी मेडिकल स्टोर खोले गये (Chhattisgarh Government Scheme) हैं। शासकीय चिकित्सकों को अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है।

योजना से अब तक 135.33 करोड़ रूपए एम.आर.पी. की दवाईयों के विक्रय पर 81 करोड़ 97 लाख रूपए की छूट जरूरतमंद लोगों को दी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकाय में संचालित धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल की दुकानों से 44 लाख 48 हजार से अधिक नागरिकों ने सस्ती दवायें खरीदी है।

जिससे लोगों को काफी राहत मिली है और कम मूल्य पर दवा उपलब्ध होने से बचत हो रही (Chhattisgarh Government Scheme) है। श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोरों में दवाओं की उपलब्धता एवं संचालन व्यवस्था की निगरानी नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया करते रहते है।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को नागरिकांे को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उच्च गुणवत्ता की जेनेरिक दवाएं रियायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थायें लगातार करते रहने के निर्देश दिए है।

महासमुंद के धन्वंतरी मेडिकल स्टोर पर दवाइयाँ लेने आए शुभम् मिश्रा ने बताया कि अन्य मेडिकल पर 400-450 की दवाईयां यहां 160-170 में मिल जाती है। अब वह और उनके परिजन, दोस्त अन्य पड़ौसी भी बीमारी की दवाइयाँ यही से ख़रीदते है। कुछ दवाइयाँ नहीं मिल पाती पर ज़रूरत की दवाईयां कम क़ीमत पर मिल जाती है। वही मोहम्मद अपनी माँ के लिए दवाइयाँ लेने पहुँचे उन्होंने भी धन्वंतरी मेडिकल को ग़रीबों के लिए जीवनदायनी बताया। तो बागबाहरा की सर्दी बुख़ार से पीड़ित सावित्री साहू ने बताया कि दूसरे मेडिकल पर बहुत महँगी दवाइयाँ देते है लेकिन यहाँ वही दवाई कम क़ीमत पर मिल रही है। इससे पैसे की भी बचत हो रही है। स्टोर्स के संचालक का कहना है कि इस वर्ष मौसमी बीमारी की दवाइयाँ कई पीड़ित लोग लेने आये। जो दवाइयाँ उपलब्ध नहीं होती उन्हें बाद में लेकर उपलब्ध करा दिया जाता है। चिरमिरी पालिका निगम चिरमिरी स्थित स्टोर में दवाइयां खरीदने आए सपन कमार साहा बताते हैं कि मैं यहां माता-पिता के लिए दवाएं लेने आता हूं पहले मुझे 9 से 10 हजार दवाईयों पर खर्च करने पड़ते थे यहां मुझे उसी फॉर्मूले की असरकारक दवाएं मात्र 4-5 हजार में मिल रहीं हैं। वहीं गोदरीपारा की कलावती ने बताया कि मुझे प्रति सप्ताह बी.पी., शुगर व थाइराईड की 500 रुपए तक की दवा लगती थी, परन्तु मुझे यहां दवाएं 250 रुपए में मिली है, जिससे काफी बचत हो रही है।

नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर जिले में 19, गरियाबंद में चार, बलौदाबाजार-भाटापारा में सात, धमतरी में सात, महासमुंद में छह, दुर्ग में 18, बालोद में आठ, बेमेतरा में आठ, राजनांदगांव में पांच, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में तीन, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ में एक, कबीरधाम में छह, बिलासपुर में 10 तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में दो, धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे है। इसी तरह से मुंगेली में चार, कोरबा में छह, जांजगीर-चांपा में नौ, सक्ती में छह, रायगढ़ में आठ, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में पांच, जशपुर में पांच, सरगुजा में चार, बलरामपुर में पांच, सूरजपुर में छह, कोरिया में दो, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में पांच, बस्तर में तीन, कोण्डागांव में तीन, नारायणपुर में एक, कांकेर में छह, दंतेवाड़ा में पांच सुकमा में तीन और बीजापुर जिले में दो धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे है। शासकीय चिकित्सकों को अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है।

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