IAS Service Meet : सीएम चौहान ने अधिकारियों को मारा ताना, कहा – कुछ अधिकारी मुंह लटका कर बैठे रहते हैं, इंतजार करते हैं 7 बजने का
भोपाल, नवप्रदेश। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित प्रशासन अकादमी में 3 साल बाद IAS सर्विस मीट (IAS Service Meet) का आयोजन किया गया है. जिसका सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने शुभारंभ किया.
आज 20 जनवरी से 22 जनवरी तक IAS सर्विस मीट आयोजित की गई है. इस सर्विस मीट के तहत खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं होंगी. इसमें आइएएस अधिकारियों के साथ-साथ उनके स्वजन भी भाग लेंगे.
सीएम ने ब्यूरोक्रेट्स को दो टूक कहा कि कुछ अफ़सर वल्लभ भवन में मुंह लटका कर बैठे रहते हैं. जैसे तैसे 7 बजे की टाइम ख़त्म होने का इंतजार करते हैं. ऐसे काम नहीं हो सकता. जानते नहीं हो में कौन हूं’ यह भाव कई बार बन जाता है. इसलिए प्रो एक्टिव और पोलाइट होना भी बेहद जरूरी है.
मुख्यमंत्री शिवराज (CM Shivraj) ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे परिवार आप सभी सदस्य है. मिलकर हम सब एक मिशन के लिए काम कर रहे हैं. हम देखते है आस पास के देशों में स्थिति सामान्य नहीं है. ये भारत के प्रयत्न है. आज हम एक खुले माहौल में मिल रहे हैं. मैं बधाई देता हूँ की एमपी की टीम ने कोरोना का मुक़ाबला अद्भुत तरीक़े से किया.
उन्होंने कहा कि 550 से ज़्यादा मीटिंग हमने की. जनता की शुरू में नाराज़गी भी देखी. प्राइवेट अस्पताल से बात करके हमने कॉन्ट्रैक्ट किया. दिन और रात पूरी टीम ने इसमें दिमाग लगाया की जीते कैसे.
शरद पवार की बात दिल पर चुभी
सीएम ने कहा कि कलेक्टर सहित पदस्थ अधिकारी ने हर संभव प्रयास किया. क्राइसिस मैनेजमेंट का उदाहरण यहां से पूरे हिंदुस्तान में गया. एमपी की बॉर्डर से हमने किसी को पैदल नहीं जाने दिया. कई अधिकारी संक्रमित हुए फिर भी काम किया. ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ा मामला था. हमारे अधिकारी चौराहे पर खड़े रहते थे.
एक भी मौत हमने ऑक्सीजन के बिना नहीं होने दी. हमारा राज्य बीमारु राज्य था. शरद पवार एक समय फ़ूड मिनिस्टर थे. मैंने बोला थोड़ा एयर अलॉटमेंट किया जाए, तो उन्होंने बोला आप प्रोक्योरमेंट तो कर नहीं पाते और ऐसी बात करते हो. वो बात दिल पर चुभी.
हमारी टीम ने ज़बरदस्त काम किया
अब एमपी मामलों में सबसे आगे है. गेहूं के उत्पादन के मामले में हमने पंजाब को पीछे कर दिया. हम प्रवासी भारतीय कभी भूल नहीं पायेंगे. प्रवासियों को लगा वो सम्मेलन में आए है या बारात में. हम सबको एक साथ लेकर चले. सबने परिवार माना. ग्लोबल इन्वेस्टर का मुझे लगता था की हो पाएगी या नहीं. लेकिन टीम ने ज़बरदस्त काम किया.
सीएम का अफ़सरों को टिप
मुख्यमंत्री शिवराज ने अफसरों से कहा कि अहंकार ना लाये बिलकुल. अहंकार आएगा तो कुछ संभव नहीं होगा. मुख्यमंत्री का भी अहंकार होता है. मैं भी कोशिश करता हूँ की ना हो. ग़रीबों की भीड़ में जाता हूँ गले मिलता हूँ.
प्यार और संवेदना मानव की पहचान है. अहंकार शून्य अगर हम रहे तो सब संभव है. जनता हमारी सर्वोपरि है. फ़ील्ड पर उतरे अफ़सर तब वास्तविकता पता चलती है. पारदर्शिता बनी रहे.
ब्यूरोक्रेट्स को CM शिवराज की नसीहत
सीएम शिवराज की अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि कुछ अफ़सर वल्लभ भवन में मुंह लटका कर बैठे है. जैसे तैसे सात बजे की कब टाइम ख़त्म हो. ऐसा काम नहीं हो सकता. प्रो-ऐक्टिव होना चाहिए और पोलाइट भी होना चाहिए. जानते नहीं हो में कौन हूं’ यह भाव कई बार बन जाता है. साहब से डर कर कुछ कम नहीं करना है. साहब के लिए आगे बढ़कर काम करना है. साहब हमारे हीरो है आइडियल है.