370 finish : पाक को करारा जवाब जरूरी
370 finish : कश्मीर में जो हालात बन रहे है उसके लिए सीधे सीधे पाकिस्तान जिम्मेदार है। जम्मू कश्मीर से ३७० खत्म होने के बाद से पाकिस्तान छटपटा रहा है। अब वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एक बार फिर से कश्मीर राग अलापने के लिए कश्मीर में ९० के दशक के हालात पैदा करने की नापाक कोशिश कर रहा है।
कश्मीर घाटी में जो मुट्ठी भर आतंकवादी बच गए है उनके जरिए पाकिस्तान कश्मीर घाटी में हिन्दुओं पर हमले तेज करा रहा है। कश्मीरी पंडितों और प्रवासी हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इसके पीछे पाकिस्तान की मंशा यही है कि केन्द्र सरकार को बदनाम किया जा सके और कश्मीर में अशांति फैलाकर दुनिया का ध्यान फिर से कश्मीर की ओर खींचा जा सकें।
पाकिस्तान की इस नापाक योजना (370 finish) को सफल बनाने में कश्मीर की अलगाववादी ताकतें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और वहां अलगाववाद की आग को हवा देने का काम कर रही है। नतीजतन कश्मीर में रह रहे हिन्दुओं में असुरक्षा की भावना खर करती जा रही है और वे एक बार फिर कश्मीर से पलायन के लिए विवश हो रहे है। कश्मीर में कार्यरत् हिन्दु कर्मचारियों ने तो कश्मीर से जम्मू तबादले की मांग को लेकर मोर्चा खोल लिया है। इसी से समझा जा सकता है कि वहां हालात किस कदर खराब किए जा रहे है।
अब समय आ गया हे कि इसपर केन्द्र सरकार गंभीरता से विचार करें और पड़ौसी देश पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा सबक सिखाएं। जब तक पाकिस्तान को सबक नहीं सिखाया जाएगा वह अपने नापाक इरादों से बात नहीं आएगा। इसके साथ ही कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्यवाही करने की जरूरत है। जो कश्मीर में अशंाति फैलाने के काम में पाकिस्तान के मददगार बने हुए है।
वहां हिन्दुओं के खिलाफ जो हिंसा (370 finish) हो रही है उसके पीछे इनका भी बड़ा हाथ है। इसलिए उन्हे भी सबक सिखाना निहायत जरूरी है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ति के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए जो भड़काऊ बयानबाजी कर आग में घी डालने का काम कर रहे है और पाकिस्तान की भाषा बोल रहे है। यदि केन्द्र सरकार अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही तो कश्मीर में हालात बेकाबू होते देर नहीं लगेगी।