संपादकीय: अब कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान

campaign against terrorists
campaign against terrorists: भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल संघर्ष विराम हो गया है। लेकिन आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना और सुरक्षाबलों का आपरेशन ऑलआउट अभियान बदस्तूर जारी है। इस धरती की जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर को जहन्नूम के रूप में तब्दील करने का मनसूबा पाले हुए आतंकवादियों के खिलाफ कश्मीर में आपरेशन केल्लर शुरू किया गया है। कश्मीर घाटी के शोपियां में भारतीय सेना ने अभियान चलाकर लश्कर-ए-तैयब्बा के तीन आतंकवादियों को जहन्नूम रसीद कर दिया। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और कैश भी बरामद हुए हैं।
गौरतलब है कि पहलगाम की आतंकी घटना के बाद से ही भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों ने आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्यवाही शुरू कर दी थी। जिसके अब सुपरिणाम सामने आ रहे हैं। कश्मीर में वैसे भी अब गिने चुके आतंकवादी ही बचे हुए हैं जो भारतीय सेना के अभियान से घबराकर डरपोक चूहों की तरह किसी बिल में जा छिपे हैं। जिनकी तलाश में भारतीय सेना लगातार सर्चिंग कर रही है। पहलगाम की आतंकी घटना को अंजाम देने वाले आतंवादियों की भी जोर शोर से खोज की जा रही है जो पता नहीं कहां गायब हो गये हैं।
बहुत संभव है कि या तो वे सीमापार कर गये हैं या फिर कश्मीर घाटी में ही कहीं छिपे बैठे हैं। देर सवेर भारतीय सेना उनका भी काम तमाम करके रहेगी। उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने कश्मीर में आतंकवादियों के मददगारों पर भी अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सैकड़ों की संख्या में ऐसे संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। जाहिर है भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों द्वारा की जा रही इस कार्यवाही से जम्मू कश्मीर में जो मुट्ठीभर आतंकवादी बचे हुए हैं वे अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकानों में जा छिपे हैं।
भारतीय सेना और सुरक्षाबलों को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही खुली छूट दे रखी है कि वो आतंवादियों के खिलाफ अपने हिसाब से कड़ी कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है। इसके बाद से ही अब जम्मू कश्मीर के चप्पे चप्पे पर आतंकवादियों की खोज खबर ली जा रही है और जो भी आतंकवादी भारतीय सेना के हत्थे चढ़ रहा है उसे मौत के घाट उतारा जा रहा है। जम्मू कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद से जो असुरक्षा का माहौल बना था वह धीरे धीरे दूर हो रहा है। वहां बंद पड़े शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल गये हैं और सामान्य स्थिति बन रही है।
यह संभव हुआ है भारतीय सेना के पराक्रम से जिसकी वजह से वहां सक्रिय रहे आतंकवादी दुम दबाकर भागने के लिए विवश हुए हैं। जम्मू कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए आतंकवादियों और उनके हिमायतियों के खिलाफ इस तरह का अभियान और तेज किया जाना चाहिए। खासतौर पर आतंकवादियों की मदद करने वाले आस्तिन के सांपों की पहचान कर उनका भी फन कुचला जाना निहायत जरूरी है तभी कश्मीर में स्थिति समान्य हो पाएगी।