संपादकीय:आपरेशन सिंदूर पर सेना प्रमुखों का खुलासा

Army chiefs' revelation on Operation Sindoor
Editorial : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जो आपरेशन सिंदूर चलाया था। उसे लेकर लगातार विपक्षी पार्टियां सरकार पर निशाना साधती रही है। संसद के मानसून सत्र में भी इस मुद्दे पर हुई बहस के दौरान विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर सवालों के गोले दागे थे। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तो सरकार पर यह आरोप भी लगाया था कि सरकार ने सेना के हाथ बांध रखे थे।
जिसका जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी विपक्ष के आरोपों को खारिज किया था और पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के लिए दुनिया के किसी भी देश में नहीं कहा था भारत किसी के दबाव में आने वाला नहीं है पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर ही संघर्ष विराम का फैसला लिया गया था और आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना को खुली छूट दी गई थी।
अब यही बात भारतीय आर्मी चीफ उपेन्द्र द्विवेदी ने की है बैंगलोर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय आर्मी चीफ ने कहा है कि आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना को सरकार ने फ्री हैंड दिया था और हमने अपना लक्ष्य पूरा कर लिया। पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को उड़ा दिया और बड़ी संख्या में आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था।
इसलिए यह कहना सही नहीं है कि भारतीय सेना को खुली छुट नहीं मिली थी। ऐसी ही बात वायु सेना प्रमुख एपी सिंह ने भी कही है और उन्होंने बताया है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर उसके एयरबेसों को तबाह किया था और पहली बार भारतीय वायु सेना ने तीन सौ किलो मीटर दूर सटीक निशाना लगाकर पाकिस्तान के पांच फाइटर प्लेनों को तथा एक जासूसी विमान को भी उड़ा दिया था।
सेना प्रमुखों के इन बयानों के बाद विपक्षी नेताओं के झूठ का पर्दाफश हो गया है जो लगातार भारतीय विमानों को भी नुकसान की आशंका जता रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पांच विमानों के नष्ट होने का शरारतपूर्ण बयान दिया था जिससे विपक्ष को यह लग रहा था कि पांच भारतीय विमान नष्ट हुए हैं जबकि हकीकत यह है कि पाकिस्तान के छह विमान नष्ट किये गये थे। भारतीय सेना के प्रमुखों के इस खुलासे से बौखलाकर अब कांग्रेस के कुछ नेता इसकी टाइमिंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि लगभग तीन माह बाद सेना प्रमुखों ने यह बयान इसलिए दिया है ताकि वोट चोरी के मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। बहरहाल अब सेना प्रमुखों के बयान के बाद इस मामले का पटाक्षेप हो जाना चाहिए।