प्रेसवार्ता : नक्सलवाद खात्मे की ओर और बस्तर अब शांति की दिशा में अग्रसर : साय

एंटी नक्सल ऑपरेशन की सीएम और डिप्टी सीएम ने दी विस्तार से जानकारी
रायपुर। (Chief Minister Vishnudev Sai) छत्तीसगढ़ सरकार को नक्सल विरोधी अभियान में मिली अब तक की सबसे बड़ी सफलता के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता की। साथ ही ऐतिहासिक ऑपरेशन की जानकारी दी। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षाबलों ने 27 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें माओवादी सेंट्रल कमेटी का शीर्ष नेता और 3.25 करोड़ का इनामी बसव राजू भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक मोड़ बताया और कहा कि बस्तर अब शांति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आदिवासियों को भय के माहौल में जीने के लिए मजबूर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नक्सलवाद बड़ा खतरा है। बस्तर विभिन्न जनजातीय समुदाय के लिए जाना जाता है। बस्तर लंबे समय से नक्सलवाद से जूझ रहा है। वहां के आदिवासियों को भय के माहौल में जीने के लिए मजबूर कर रखा है. प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में हम नक्सलवाद के खात्मे के लिए काम कर रहे हैं. सुरक्षा बलों को असाधारण सफलता मिल रही है।
हमें सुरक्षा बलों के साहस पर गर्व हैं-साय
सुरक्षा बल के जवानों ने अबूझमाड़ इलाके में 27 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया है. नक्सलवाद मूवमेंट का रीढ़ माने जाने वाला बसव राजू को आपरेशन में ढेर किया गया है. सवा तीन करोड़ रुपए का इनामी था. तीन दशकों में पहली बार माओवादी की सेंट्रल कमेटी के किसी बड़े नेता को ढेर किया गया है। हमे सुरक्षा बलों के साहस पर गर्व है। कई महीनों से ये इनपुट मिल रहा था कि कर्रेगुड़ा की पहाड़ी में बड़े पैमाने पर नक्सलियों का जमावड़ा है. मैं उसके करीब के एक कैंप में भी गया था। जवानों से बातचीत की थी। नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे आंदोलन में मिल रही सफलता के पीछे डबल इंजन की सरकार का लाभ भी मिल रहा है।
जब तक नक्सलवाद समाप्त नहीं हो जाता है तब तक आपरेशन चलता रहेगा-साय
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार छत्तीसगढ़ के दौरे पर आते रहे हैं। हम शुरू से ही यह आह्वान करते रहे कि हिंसा छोड़कर विकास की मुख्य धारा से जुडि़ए। सरकार ने बेहतर पुनर्वास नीति भी बनाई है। ईनामी नक्सली यदि सरेंडर करता है तो उसे जमीन देने तक की व्यवस्था रखी गई है. नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई के बाद यह लगता है कि बस्तर अब शांति की ओर बढ़ रहा है। जब तक नक्सलवाद समाप्त नहीं हो जाता है तब तक आपरेशन चलता रहेगा।
2026 तक नक्सलवाद के समूल खात्मे का लक्ष्य : गृह मंत्री शर्मा
केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार कोई नहीं चाहता कि एक भी गोली चले-शर्मा
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि भाजपा किंसरकार बनने के बाद अब तक 424 नक्सली मारे गए हैं. 1355 आत्मसमर्पित हुए हैं. 2023 में समर्पण की संख्या ज्यादा है और गिरफ्तारी की कम है। बस्तर की जनता की चाहत के अनुरूप केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में अभियान चल रहा है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद समूल खत्म होने का लक्ष्य रखा गया है। उद्देश्य स्पष्ट है कि बस्तर में लोकतंत्र को बहाल करना है।
नक्सली बस्तर के आदिवासियों को मारना चाहते है जो कभी होने माही दिया जाएगा। नक्सल अभियान में विभिन्न दिशाओं में काम चल रहा है। पिछले दिनों बस्तर के पीडि़त आदिवासियों ने दिल्ली जाकर अपनी बात रखी है। नक्सलियों की पुनर्वास नीति देश में सबसे बेहतर है। केंद्र सरका क्या करना चाहिए। राज्य सरकार को क्या करना चाहिए ये नसीहत देने वालों के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है. ये जरूर है कि न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार कोई नहीं चाहता कि एक भी गोली चले।
एडीजी विवेकानंद ने ऑपरेशन की दी जानकारी
एडीजी नक्सल आपरेशन विवेकानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल अभियान के इतिहास में आज का दिन सबसे बड़ा है। अभूतपूर्व सफलता मिली है. बसव राजू का मारा जाना एक बड़ी उपलब्धि है। अबूझमाड़ के लिए कहा जाता है कि यह सुरक्षा विहीन क्षेत्र था लेकिन बीते डेढ़ सालों में उन इलाकों में कैम्प खोले गए थे। इसके बावजूद जो आपरेशन चलाया गया यह कैंप से करीब 35 किलोमीटर भीतर जंगल में आपरेशन किया. तीन दिन से ज्यादा फोर्स जंगल में रही. बसव राजू के मारे जाने से नक्सल अभियान में यह मील का पत्थर साबित होगा।