एक साथ दो पदों पर कार्य कर रही स्थानीय कर्मचारी
परियोजना सहित अन्य शासकीय विभागों की कार्यप्रणाली सन्देहास्पद
एक पद पर बेटी की जगह मां करती है कार्य
नवप्रदेश संवाददाता
साजा/बेमेतरा। साजा ब्लॉक अंतर्गत व देवकर नगर के निकट स्थित ग्राम मोहगांव में शासकीय कार्य मे स्थानीय अफ सरों की मिलीभगत व गड़बड़ी का नया मामला प्रकाश में आ रहा है। खास बात तो यह है कि यह मामला सरकार के कृषि मंत्री के गृह ग्राम क्षेत्र का है। जिसमे ब्लॉक के ग्राम मोहगांव की स्थानीय हमीदा बेगम द्वारा नियम-क़ानून की परवाह किये बगैर शासकीय योजना अंतर्गत दो पदों पर कार्यभार संभाल रही है व दोनों ही पदों से उचित मानदेय भी हासिल कर रही है। यह सब सिस्टम के नाक के नीचे हो रहा है। ग्राम में स्थानिय मितानिन होने के साथ साथ आंगनबाड़ी सहायिका के रूप में पदस्थ है। जो कि आमलोगों के लिए अचरजभरा व चर्चा का विषय है । स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दिये जानकारी के मुताबिक मितानीन के रूप में पदस्थ हमीदा बेगम अपने शासकीय पदमान पर अपनी माँ को सहायिका के रूप में बैठा देती है, और खुद मितानीन का काम करते हुए दोनों जगह की वेतन ले रही है।जबकि यह शासकीय नियमानुसार अनुचित व गैऱकानुनी है। कोई भी व्यक्ति कभी दो शासकीय पदभार एकसाथ ग्रहण नही कर सकता है। परंतु ग्राम मोहगांव में बकायदा दोनों पद पर बैठाकर सिस्टम की माखौल उड़ा रहे है।
इस सम्बंध में पदस्थ सहायिका हमीदा बेगम द्वारा जवाब में अपने स्वीकार किया है, उनका कहना है कि वह सन 2005 से मितानीन का पदभार पर है!परंतु यह कोई शासकीय पद व नौकरी नही है!इसलिए वह दोनों पद पर एक साथ काम कर सकती हूँ। अत: मैं अपने किसी भी पद से इस्तीफा नही दूँगी। जिससे उसके ऊपर शासकीय पदभार सम्बन्धी नियम विरुद्ध कार्य करने पर उचित कार्यवाही नही करने से सम्बंधित परियोजना अधिकारी की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है!सम्बन्धित मामले में तत्काल स्थानीय प्रशासन को पहल करने की जरूरत है,ताकि सरकारी पदों के फेर वाले ऐसे गड़बड़झाले के कार्य पर लगाम लग सके। गौरतलब हो की ऐसा ही साजा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रौद्रा में भी है। जहाँ पर रोजगार सहायक और मितानीन के पद पर भी एक ही महिला पदस्थ है। जानकारी मिला है की साजा ब्लॉक के अंतर्गत ऐसे कई गांवो में एक ही व्यक्ति और पद दो है। अच्छे से जांच होगा तो इस प्रकार के कई गंभीर मामले उजागर हो सकता है। ब्लाक या जिले में इस प्रकार के मामले का होना पूरी तरह प्रशासनिक उदासीनता व लापरवाही को दर्शाता है।
उक्त प्रकरण में लेटर जारी कर दिया गया है, अभी आचार संहिता लगा है हटने के बाद जवाब नही आयेगा तो उचित कार्यवाही किया जायेगा।
– सरस्वती चंद्रवंशी, परियोजना अधिकारी साजा
मितानिन शासकीय पद नहीं है, इसलिए उन पर कार्रवाई नहीं की जा सकती, और जब तक ग्रामीणों की शिकायत नही मिलती तब तक उन पर कार्रवाई करना उचित नहीं है।
– सपना चौबे, ब्लाक समन्वयक, मितानीन संघ