World of Science : विज्ञान की दुनिया में हलचल फिर तेज है और यह पूरी दुनिया के लिए खुशी की बात है। आधी सदी बाद अमेरिका चंद्रमा पर कदम रखने को लालायित है। बुधवार को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से आर्टेमिस प्रोग्राम का पहला रॉकेट लॉन्च हो गया। ओरियन कैप्सूल चंद्रमा की परिक्रमा के बाद लौट आएगा।
यह कैप्सूल अभी मानव रहित है, लेकिन भविष्य में इसमें चार इंसान एक साथ चांद पर जाएंगे। ओरियन रोचक तस्वीरें भेजने लगा है। शायद चांद के कुछ ऐसे पहलू सामने आएंगे, जो अब तक अछूते हैं। एक समय था, जब रूस और अमेरिका के बीच होड़ की वजह से अंतरिक्ष अभियानों को बल (World of Science) मिला था, लेकिन अब जब रूस युद्ध में लगा हुआ है, तब अमेरिका को चीन टक्कर दे रहा है।
विज्ञान में आगे बढऩे के लिए होड़ जरूरी होती है। अमेरिका जब छह बार मानव मिशन में कामयाब हुआ, तब रूस एक तरह से पीछे हट गया था और चांद के प्रति अमेरिकी अभियान भी थम गया था। अब शुरू हुई नई होड़ स्वागतयोग्य है, किसी भी वैज्ञानिक होड़ का कुल मिलाकर अच्छा असर होता है। विज्ञान में युद्ध कौशल की नहीं, किसी देश की शुद्ध सकारात्मक योग्यता की परख होती है।
अमेरिका की योजना चांद को अंतरिक्ष में आधार पर बनाने की है, ताकि वहां से मंगल तक पहुंचना आसान हो जाए। सबकुछ ठीक रहा, तो इंसान 2040 तक मंगल ग्रह पर पहुंच सकता है। अगर यह संभव हुआ, तो मानव जाति की चिंतन की दिशा भी बदल जाएगी। यह बहुत खुशी की बात है कि आर्टेमिस कार्यक्रम में नासा के भागीदारों में जापान और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियां शामिल हैं। अमेरिका दूसरे देशों को साथ लेकर चलना चाहता है, जबकि चीन का अभियान सबसे अलग है। चीन का अंतरिक्ष अभियान 2030 के आसपास चांद पर इंसानों (World of Science) को उतारेगा।