खुद को दुनिया (world) का चौधरी समझने वाले (Chaudhary Understanders) अमेरिका (America)में कोरोना काल (Corona) में गृह युद्ध (Civil war) के हालात निर्मित हो रहे है। स्थिति इस कदर विस्फोटक हो गई है कि अमेरिकी राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप को हिंसक भीड़ के हमले से बचने के लिए व्हाईट हाउस में बने बंकर में छिपना पड़ा गया है।
अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति जार्ज फ्लायड की पुलिस अभिरक्षा में मौत होने की वजह से वहां रंगभेदी निति के खिलाफ लाखों लोग सड़क पर उतर आएं। भीड़ हिंसक हो उठी और अनेक शहरों में अराजकता फैल गई। अमेरिका के 40 बड़े शहरों में कफ्र्य लगाने की नौबत आ गई इसके बाद भी हिंसक भीड़ ने अमेरिकी राष्ट्रपति के भवन व्हाईट हाउस को घेर लिया जहां सुरक्षा की इतनी तगड़ी व्यवस्था है कि वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता।
इसके बावजूद हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी व्हाईट हाउस के पास एकत्रित हो गए। जिसकी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुरक्षा की दृष्टि से बंकर में ले जाना पड़ गया। गौरतलब है कि इसके पूर्व भी अमेरिका में रंग भेद को लेकर जब तब प्रदर्शन होते रहे है। अमेरिका में वामपंथि संगठन एंटीफा रंगभेद की निति का विरोध करता रहा है। किन्तु इस बार स्थिति ज्यादा ही विस्फोटक हो गई है जो ट्रंप सरकार की नाकामी का परिचायक है।
अमेरिकरी राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से नहीं बचा पाए जहां कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है और अब तक वहां एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह ङ्क्षहसक आंदोलन को रोकने में भी ट्रंप सरकार विफल रही। डोनाल्ड टं्रप अपना घर तो संभल नहीं रहा है और वे दुनिया के चौधरी बनने की लगातार कोशिश करते रहे है।
भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का मुद्दा उन्होने कई बार उठाया था और एक तरह से पाकिस्तान के बेबुनियाद आरोपों का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन किया था। यही नहीं बल्कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी जिसे भारत ने खारिज कर दिया था।
हाल ही में उन्होने भारत और चीन के बीच भी वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाने कर बात कही थी इसे भी भारत ने ठुकरा दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप को चाहिए की वे दूसरे के फटे में टांग अड़ाने की अपनी आदत से तौबा करें और अमेरिका पर ध्यान दें जहंा पहले ही कोरोना वायरस ने पहले ही कोहराम मचा रखा है और अब वहां हिंसक प्रदर्शन के चलते गृह युद्ध जैसे हालात निर्मित हो रहे है।