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Winter Session : हांगामो की भेंट न चढ़े सत्र…

Winter Session : Don't miss the session...

Winter Session

Winter Session : २९ नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस सत्र के दौरान जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी और लंबित पड़े विधेयक कानून की शक्ल अख्तियार कर पाएंगे। इस सत्र में सबसे महत्वपूर्ण काम यह होने जा रहा है कि केन्द्र सरकार उन तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेगी जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रकाश पर्व के दिन की थी। मोदी मंत्रीमण्डल की बैठक मे भी उन तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मंजूरी दे दी गई है।

अब संसद में ये तीनों नए कृषि कानून सर्वसम्मति से रद्द हो जाएंगे। यह प्रस्ताव खुद सरकार लाने वाली है जिसका पूरा विपक्ष एक स्वर में समर्थन करेगा क्योंकि विपक्षी पार्टियां इन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रही थी। इसके साथ ही किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा हो सकती है।

संसद का शीताकलीन सत्र (Winter Session) शुरू होने के पूर्व प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर मंथन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मुताबिक कांग्रेस सत्र के दौरान किसानों की प्रमुख मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार को घेरेगी। इसके अलावा बढ़ती महंगाई को लेकर भी कांग्रेस हल्ला बोलेगी।

विपक्ष को जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरना भी चाहिए। किन्तु इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि संसद सत्र हंगामों की भेंट चढ़कर न रह जाए। पूर्व में संसद को अखाड़ा बनाने की कोशिशें की गई थी जिसके चलते संसद में गतिरोध बना रहा। संसद की कार्यवाही ठप रहने के कारण कई महत्वपूर्ण विधेयक ठंडे बस्ते की शोभा बन गए। इसलिए सत्तापक्ष और विपक्ष को मिलकर यह कोशिश करनी चाहिए कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले। संसद का हर क्षण बेशकीमती होता है।

यदि उसे व्यर्थ गंवाया गया तो इससे देश को नुकसान होता है और जनहित में फैसले होने में भी अनावश्यक विलंब होता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि पूर्व की भांति इस बार संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) हंगामों की भेंट नहीं चढ़ेगा। इसके लिए सत्तपक्ष और विपक्ष दोंनों मिलकर काम करें।

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