Why questions on army’s bravery?: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए आपरेशन सिंदूर चलाया और उसके कई आतंकी अड्डों को खत्म कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तसन ने भारत पर ड्रोन से हमला कर भारत के कई शहरों को निशाने बनाने की नाकाम कोशिश की तो जवाबी कार्यवाही के रूप में भारत ने पाकिस्तान के कई एयर बेसों को नेस्तनाबूत कर दिया। भारतीय सेना की इस कार्यवाही में सौ से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। भारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
इसके बावजूद विपक्षी पार्टियों के कुछ नेता भारतीय सेना के शौर्य पर सवालिया निशान लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पहले तो इन विपक्षी नेताओं ने भारतीय सेना और सरकार के साथ खड़े होने का दम भरा था। लेकिन अब आपरेशन सिंदूर को लेकर वे सरकार पर सवालों की बौछार कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने सवाल किया है कि पाकिस्तान ने हमारे कितने विमान मार गिराए हैं। इसका सरकार जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पाकिस्तान को हमले की पूर्व सूचना देकर देश के साथ गद्दारी की है।
भारतीय सेना ने पहले ही यह स्प्ष्ट कर दिया था कि आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ सफलता पूर्वक अपनी कार्यवाही को अंजाम दिया है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि आतंवादियों के ठिकानों के खिलाफ भारत की सैन्य कार्यवाही के बारे में पाकिस्तान को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।
सरकार और सेना के इस स्पष्टीकरण के बाद भी कांग्रेस इस मुद्दे पर सियासत कर रही है जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच अभी भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। आपरेशन सिंदूर फिलहाल स्थगित हुआ है, खत्म नहीं हुआ है इसलिए इस मुद्दे पर विपक्ष को कोई भी आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जानकारी ले लेनी चाहिए और कोई भी विवादास्पद बयान देने से बचना चाहिए। एक और स्वनाम धन्य नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने तो आपरेशन सिंदूर को असफल बता दिया है। उनका कहना है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एक आतंकवादी को नहीं मारा है।
चौबीस घंटों के भीतर ही आपरेशन सिंदूर फेल हो गया है। स्वामी प्रसाद मौर्या का शर्मनाक बयान घोर निंदनीय है। इससे भारतीय सेना का मनोबल गिर सकता है। और पाकिस्तानी उनके इस बयान को लेकर भारत के खिलाफ भाम्रक प्रचार कर सकता है। वैसे भी पाकिस्तान अपनी करारी हार को जीत के रूप में पेश कर रहा है। और इसके लिए वह भारत के विपक्षी नेताओं के बयानों को सबूत के रूप में मीडिया के माध्य से दुनिया के सामने पेश कर रहा है।
भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों में भेजने का निर्णय लिया है। और ऐसा पहला संसदीय दल रवाना भी हो चुका है। आपरेशन सिंदूर को लेकर विश्व का समर्थन जुटाने के लिए भारत की इस कूटनीतिक पहल को लेकर भी सियासत की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। शिवसेना यबूीटी के नेता संजय राउत ने तो संसदीय दलों की विदेश यात्रा पर तंज कसा है और कहा है कि यह टूरिज्म उचित नहीं है। भारत के विपक्षी दलों के नेताओं को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए।