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संपादकीय: तेज प्रताप यादव के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं

Why no action against Tej Pratap Yadav

Why no action against Tej Pratap Yadav

Why no action against Tej Pratap Yadav: होली के अवसर पर बिहार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस के सिपाही के साथ जो सलूक किया है उसे लेकर बिहार के पुलिस महकमें में तीव्र असंतोष फैल गया है। गौरतलब है कि उक्त कार्यक्रम में तेज प्रताप यादव माइक लेकर फाग गा रहे थे और तभी उन्होंने उनकी सुरक्षा में तैनात एक सिपाही को आदेश दिया कि वह गाने पर नाचे वरना वे उसे निलंबित करा देंगे।

बेचारा सिपाही उनकी धौंस में आ गया और ठूमके लगाने लगा। यह वीडियो जब वायरल हुआ तो पुलिस के आला अफसरों ने उक्त सिपाही के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसे लाइन अटैक कर दिया। जबकि कार्यवाही तो तेज प्रताप यादव के खिलाफ की जानी चाहिए थी जिसने ड्यूटी पर तैनात उक्त सिपाही का न सिर्फ अपमान किया बल्कि उसे धमकी देकर नाचने पर विवश किया तेज प्रताप यादव ने एक तरह से सरकारी काम में भी बाधा डाली लेकिन उनके खिलाफ बिहार पुलिस महकमें के आला अफसरों ने कोई कार्यवाही नहीं की।

उल्टे सिपाही पर ही कार्यवाही कर दी। दरअसल सत्ता के नशे में चूर रहने वाले कुछ नेता अकसर ऐसी हरकतें करते ही रहते हैं। किन्तु उनके खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नहीं होती इसलिए उनके हौसले बुलंद हो जाते हैं और वे इस तरह की हरकतें करने का दु:साहस करते हैं। वह तो एक अदना सा सिपाही है लालू यादव तो जब सत्ता में थे तो वे आपीएस आफसरों को भी अपना निजी नौकर मानकर उनसे ऐसे ही उटपटांग काम कराते थे अब अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर लालू के लाल भी टशन दिखाने लगे हैं।

ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को कार्यवाही करने से नहीं हिचकना चाहिए। अन्यथा राष्ट्रीय जनता दल यदि सत्ता में आ गया तो उसके नेता सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर इसी तरह का जुल्म ढाते रहेंगे और उनका मजाक बनाते रहेंगे। बिहार सरकार को इस घटना पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।

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