-माधवी और धवल बुच दंपत्ति ने कहा कि यह हमारा निजी निवेश
-गौतम अडानी ग्रुप ने ‘हिंडनबर्ग’ आरोपों पर कहा, यह सिर्फ एक कॉपी पेस्ट आरोप है इसमें नया क्या है?
नई दिल्ली। Adani Group responded : शॉर्ट सेलर कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ के इस दावे के बाद फिर से बहस शुरू हो गई है कि शेयर बाजार नियामक ‘सेबी’ की चेयरमैन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल की अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड ‘ग्लोबल’ में हिस्सेदारी है। हालांकि माधवी बुच ने कहा है कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और चरित्र हनन की कोशिश है, जबकि अडानी गु्रप ने जवाब दिया है कि यह सार्वजनिक जानकारी के कुछ चुनिंदा हिस्से लेने और नए दावे करने का मामला है।
अदाणी समूह ने एक बयान में कहा कि यह रिपोर्ट पूर्वाग्रहपूर्ण निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का चयन करके तैयार की गई है। यह सच्चाई और कानून की अनदेखी कर निजी फायदे के लिए किया गया है।
निवेश पारदर्शिता: अदानी समूह
- जो फंड विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं उन्हें ऑफशोर या विदेशी फंड कहा जाता है। बुच ने इंडिया इंफोलाइन द्वारा प्रबंधित फंड में निवेश किया था।
- हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि इसी फंड का इस्तेमाल अडानी ने गु्रप के शेयर प्राइस को बढ़ाने के लिए किया था। अडानी गु्रप ने कहा कि विदेशों में हमारा निवेश पारदर्शी है।
- अडानी गु्रप पर लगे आरोप पहले ही बेबुनियाद साबित हो चुके हैं। अनिल आहूजा 2007-08 के दौरान अदानी पावर में 3आई इन्वेस्टमेंट फंड के नामित निदेशक थे। इसके बाद वह 2017 तक अडानी एंटरप्राइज के निदेशक रहे। हम समूह पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं।
सेबी का सोशल मीडिया अकाउंट लॉक
हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात ब्लॉग पर ताजा दावों के साथ सेबी की जांच पर सवाल उठाए। इसके बाद सेबी ने ‘एक्स’ का अकाउंट लॉक कर दिया। सेबी द्वारा किए गए पोस्ट को अब केवल वे ही देख सकते हैं जिन्हें मंजूरी मिली है।
देश की छवि धूमिल करने का प्रयास: ‘एम्फी’
म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एम्फी ने भी हिंडनबर्ग (Adani Group responded Hindenburg) के दावों को खारिज कर दिया है। ऐसा लगता है कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है बल्कि भारतीय नियामक परिवेश की समझ की कमी है। इस तरह के आरोप देश की कड़ी मेहनत से अर्जित सफलता को धूमिल करने का प्रयास हैं।
हम सभी वित्तीय लेनदेन का खुलासा करेंगे : बुच
- हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज करते हुए बुच दंपत्ति ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हमारा जीवन और वित्त एक खुली किताब की तरह है, और हम सभी वित्तीय लेनदेन का खुलासा कर सकते हैं।
- सेबी ने हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बुच ने कहा कि उन्होंने प्रतिक्रिया में चरित्र हनन का प्रयास किया है।
- उन्होंने सेबी जांच पर हिंडेनबर्ग द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया। हालांकि दंपत्ति ने कहा है कि वे विस्तृत जानकारी के साथ जवाब देंगे।
- 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधवी की नियुक्ति के बाद, उनकी दो परामर्श फर्म निष्क्रिय हो गईं।
- माधवी के सेबी में शामिल होने से 2 साल पहले ‘आईआईएफएल’ फंड में व्यक्तिगत नागरिक के रूप में निवेश किया था।
अदाणी ग्रुप में हमारा कोई निवेश नहीं: ‘360 वन’
360 वन ने हिंडेनबर्ग द्वारा किए गए दावों का खंडन किया है। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उल्लिखित ‘आईपीई-प्लस फंड 1 ने अडानी समूह के शेयरों में कोई निवेश नहीं किया है। यह फंड नियमों का पालन कर रहा था।
फंड का निवेश अक्टूबर 2013 से अक्टूबर 2019 तक था। इस फंड में करीब 4.8 करोड़ डॉलर यानी करीब 90 फीसदी रकम बॉन्ड में निवेश की गई थी। कंपनी ने कहा कि माधवी पुरी बुच और धवल बुच के पास फंड में 1.5 फीसदी से कम हिस्सेदारी थी।