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संपादकीय: चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी

Warning to boycott elections

Warning to boycott elections


Editorial: बिहार में एसआईआर का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। बिहार विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र के दौरान राष्ट्रीय जनता दल ने एसआईआर के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही बाधित हुई। इधर नई दिल्ली में भी एसआईआर के मामले को लेकर लामबंद हो गया है। पटना से लेकर नई दिल्ली तक आईएनडीआईए में शामिल राजनीतिक पार्टियों ने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर हमले तेज कर दिये हैं।

तेजस्वी यादव ने तो चुनाव आयोग पर यह आरोप लगा दिया है कि वह एसआईआर के नाम पर गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोटरों के नाम मतदाता सूची से काटने जा रहा है। इसलिए महागठबंधन विधानसभा चुनाव के बहिष्कार पर विचार करने जा रहा है। इसका मतलब साफ है कि चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के लिए तेजस्वी यादव चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं। इधर नई दिल्ली में कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी बिहार में चुनाव की चोरी करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने फिर से महाराष्ट्र का जिक्र करते हुए कहा है कि वहां चुनाव अयोग ने वोटरों की संख्या बढ़ाकर चुनाव में गड़बड़ी की थी और अब बिहार में वह वोटरों के नाम काटकर गड़बड़ी करने जा रहा है इस बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्प्ष्टीकरण दिया है। विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा है कि फर्जी वोटरों और मृत लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाना भला कैसे गलत हो सकता है। चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगा।

एसआईआर की कार्यवाही पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है इसे लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। राजनीतिक विचारधारा से परे इसपर मंथन करने की आवश्यकता है। गौरतलब है कि एसआईआर के दौरान बिहार में लगभग पचास से साठ लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से कटने जा रहे हैं। जिनमें से बीस लाख लोग तो दुनिया छोड़ चुके हैं। वहीं लगभग पच्चीस लाख लोग स्थाई रूप से बिहार छोड़कर अन्य राज्यों में जा बसे हैं।

एसआईआर का काम नब्बे प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो चुका है और जिन लोगों के नाम काटे जा रहे हैं। वे एक सितंबर तक अपना दावा आपत्ति पेश करके और आवश्यक प्रमाण देकर अपना नाम जुड़वा सकते हैं। जब चुनाव आयोग इतनी पारदर्शिता से काम कर रहा है तो फिर एसआईआर का विरोध करना राजनीति प्रेरित ही लगता है।

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