Viral Fever : देश में कोरोना की तीसरी लहर का कहर बदस्तूर जारी है। कोरोना के नए वैरिंएट ओमिक्रॉन ने भी कोहराम मचा रखा है। इस बीच मौसम में आए बदलाव के कारण वायरल फीवर का कहर भी आश्चर्य जनक रूप से बढ़ता जा रहा है। वैसे तो हर दो तीन साल के बाद ठंड के मौसम में बरसात होती है और इसके बाद सर्दी, जुकाम, बदन दर्द और बुखार जैसे रोग पांव पसारते है।
किन्तु इस साल वायरल फीवर के मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है। वह न सिर्फ सोच का बल्कि शोध का विषय है। देश के अधिकांश राज्यों में वायरल फीवर के मरीज लगातार बढ़ रहे है। घर का हर सदस्य इसकी चपेट में आ रहा है। कई जगह तो पुरे मोहल्ले में वायरल फीवर का कहर टूट पड़ा है जो कि इस समय कोरोना का खतरा बना हुआ है। इसलिए वायरल फीवर से ग्रसीत लोग भी कोरोना होने के डर से कोरोना टेस्ट के लिए बाध्य हो रहे हैं।
हालांकि वायरल फीवर (Viral Fever) से ग्रसीत लोग पैरासिटामॉल जैसी मामूली दवाएं लेकर ही चार-पांच दिनों में ठीक हो जा रहे हैं। लेकिन वायरल फीवर का बढ़ता प्रकोप लोगों को चिंतित कर रहा है। गौरतलब है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह उन लोगों को भी अपना शिकार बना लेता है जिन्में कोरोना के दोनों डोज लग चुके है। यहीं वजह है कि कोरोना का टीका लगावा चुके लोग ीाी जब वायरल फीवर की चपेट में आ जाते है तो उन्हें यह आशंका होती है कि कहीं वे ओमिक्रॉन से तो ग्रसीत नहीं हो गए है।
ओमिक्रॉन और वायरल फीवर के लक्ष्ण भी मिलते जुलते है। बहरहाल वायरल फीवर के बढ़ते प्रकोप को मद्देनजर रखकर लोगों को अब और अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। कहीं ऐसा ना हो कि वे जिसे वायरल फीवर समझ रहे हो वो कहीं ओमिक्रॉन ही निकाल आए। इसलिए वायरल फीवर यदी दो चार दिनों में ठीक नहीं होता तो ऐसे अनिवार्य रूप से कोरोना टेस्ट कराए।
इसके साथ ही मास्क का अधिक से अधिक उपयोग करें। जिन लोगों को वायरल फीवर होता है वे भी मास्क लगाए, क्योंकि वायरल फीवर भी एक दूसरे से फैल रहा है। कोरोना गाइड लाईन का ईमानदारी पूर्वक पालन करना होगा। अन्यथा स्थिति और बिगड़ सकती है। सरकार को जो कदम उठाने चाहिए वे कदम उठा रही है लेकिन लोगों को भी जागरूकता का परिचय देना होगा।
क्योंकि कोरोना ओमीक्रॉन का वायरल फीवर (Viral Fever) भी लगातार पांव पसरना गंभीर मामला है। इसे हल्के में बहुत भारी पड़ है। सरकार को भी इस स्थिति में कोरोना गाइड का सख्ती पूर्वक पालन कराने के लिए नए सीरे से दिशा निर्देश जारी करने चाहिए और उसका पालन भी सुश्चित करना चाहिए।