Unlock School : छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में अगले माह से शौक्षणिक गतिविधियां शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यद्यपि राज्य सरकारों ने ऐसे स्कूल कालेजों में कोरोना गाईड लाईन का पालन कराने की बात कही है लेकिन सभी शिक्षण संस्थानों में कोरोना गाईड लाईन का पालन सुनिश्चित कराना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है।
सरकार के पास इतना अमला नहीं है कि हर शौक्षणिक संस्थान (Unlock School) की प्रतिदिन मानिटरिंग की जाएं। ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य को लेकर पालकों का चिंतित होना स्वाभाविक है। अभी कोरोना की दूसरी लहर गई नहीं है, यह ठीक है कि कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने लगा है लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। जिस तरह लोग कोरोना गाईड लाईन की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है उसे देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर का आना लगभग तय है। ऐसी स्थिति में शैक्षणिक संस्थानों को शुरू करने के मामले में राज्य सरकारों को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीन (Unlock School) नहीं बन पाई है और सभी लोगों को कोरोना का टीका भी नहीं लग पाया है। जाहिर है ऐसी स्थिति में यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो बड़ी संख्या में लोग कोरोना से ग्रसित होंगे और बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते है। बेहतर होगा कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऑनलाईन पढ़ाई को ही प्राथमिकता दी जाएं उसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएं लेकिन स्कूल कालेजों को फिलहाल बंद ही रखा जाएं, क्योंकि इन शिक्षण संस्थानों में कोरोना गाईडलाईन का कड़ई पूर्वक पालन संभव ही नहीं है।
इस बारे में संबंधित राज्य सरकारों को बच्चों के अभिभावकों से भी रायशुमारी (Unlock School) करनी चाहिए अन्यथा ऐसा न हो कि स्कूल कालेज खुल जाएं लेकिन पालक अपने बच्चों को स्कूल ही न भेंजें क्योंकि कोरोना का खौफ अभी भी कायम है। जब तक शत-प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक शिक्षण संस्थानों को शुरू करना जोखिम भरा काम हो सकता है।