- कहा- पर्यावरण संरक्षण के साथ सुनिश्चित करनी होगी निर्बाध विद्युत आपूर्ति
- एनटीपीसी की ओएंडएम कॉन्फ्रेंस ‘आईपीएस-2020 में बोले केंद्रीय मंत्री आरके सिंह
- बोले- न तो पर्यावरण और न ही लोगों के स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग से किया जा सकता है समझौता
रायपुर/नवप्रदेश। केंद्रीय (union minister rk singh in raipur) विद्युत एवं नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में आज 24 घंटे निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चत करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में साथ-साथ काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि न तो हम पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों के स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग से समझौता कर सकते हैं और न ही इस मानवीय जरूरत को पूरा करने के लिए पर्यावरण को नजरअंदाज कर सकते हैं।
आखिरकार दोनों ही मानव कल्याण के लिए अहम हैं। केंद्रीय मंत्री सिंह ने गुरुवार को रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एनटीपीसी (ntpc ips-2020) की ओर से आयोजित पॉवर प्लांट ओ एंड एम (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) कॉन्फ्रेंस ‘आईपीएस- 2020’ के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए ये बातें कही।
एनटीपीसी ntpc ips-2020) की इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की थीम ऑप्टिमाइजेशन ऑफ जनरेशन कॉस्ट एंड इंटिग्रेशन ऑफ रिन्यूएबल्स यानी परिस्थिति अनुकूल उत्पादन लागत व नवीकरीणीय का एकीकरण है। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। मंच पर केंद्रीय (union minister rk singh in raipur) मंत्री सिंह के अलावा एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) के अध्यक्ष प्रकाश म्हास्के , एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) प्रकाश तिवारी व केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक कुमार देवांगन मौजूद थे। इस अवसर पर टेक्नो गैलेक्सी 2020 प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जहां 42 से अधिक भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं के उत्पाद व तकनीकें भी प्रदर्शित की जायेंगी।
कार्बन उत्सर्जन में कमी का मतलब ये नहीं कि थर्मल पॉवर प्लांट बंद कर दिए जाए
केंद्रीय मंत्री सिंह ने दुनियाभर में कार्बन उत्सर्जन को लेकर किए जा रहे प्रयासों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में लोगों का स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग भारत से ऊंचा है। विकसित देशों में पर कैपिटा इनकम अधिक है तो पर कैपिटा कंजंप्शन भी अधिक है।
इसके बावजूद जब वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में कमी की बात की जाती है तो हमसे भी अपेक्षा बढ़ जाती है। जबकि वैश्विक स्तर पर कुल कॉर्बन उत्सर्जन में भारत का हिस्सा 5 फीसदी ही है। सिंह ने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में हम अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करेंगे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि थर्मल पॉवर प्लांट को बंद कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक भारत ने 175 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। इसके बाद 450 गीगावाट का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्यों की विद्युत कंपनियों को भी कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ-साथ निर्बाध विद्युत आपूृर्ति सुनिश्चित करनी होगी।
प्रतिस्पर्धा अन्य पॉवर प्लांट से नहीं, बल्कि उन देशों से जो कम दाम में मुहैया करा रहे बिजली
केंद्रीय मंत्री सिंह ने एनटीपीसी के अधिकारी-कर्मचारियों का आह्वान करते हुए कहा कि एनटीपीसी की प्रतिस्पर्धा किसी दूसरे थर्मल पॉवर प्लांट से नहीं बल्कि उन देशों से होने चाहिए, जहां की विद्युत उत्पादन कंपनियों अपने उपभोक्ताओं को नवीकरणी ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त बिजली कम दरों पर उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने इस संदर्भ में कतर व दुबई में क्रमश: 1.09 रुपए व 1.08 रुपए प्रति यूनिट की दर से मिल रही सौर ऊर्जा से निर्मित बिजली का उदाहरण भी दिया। हालांकि उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी एनटीपीसी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की।
जो कम नहीं करेंगे घाटा उन्हें अस्तित्व बचा पाने की चुनौती
सिंह ने कहा कि देेश के कई डिस्कॉम घाटे में चल रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक ये कंपनियां 2 लाख करोड़ के घाटे में हैं। इसके बावजूद भी ये कंपनियां घाटे का कारणों का पता नहीं लगा पा रही हैं। यदि ऐसे ही चलते रहा तो ऐसी कंपनियों के सामने अपना अस्तित्व बचाए रखने की चुनौती आ जाएगी।
पब्लिक सेक्टर के उद्यमों को बचाए रखना जरूरी
केंद्रीय मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के उद्यमों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी वेदश यात्राओं का जिक्र कर कहा कि कई देशों में पब्लिक सेक्टर की बड़ी भागीदारी है। इसको बचाए रखना जरूरी है। जहां
हालांकि उन्होंंने यह भी कहा विद्युत की बढ़ती मांग के मद्देनजर निवेश की भी काफी जरूरत है।
मुफ्त बिजली पर बोले- यह राज्यों का अधिकार
कार्यक्रम से इतर पत्रकारों के सवालों के जवाब में आरके सिंह ने कहा कि मुफ्त बिजली देना राज्य सरकारों का अधिकार है। आखिरकार बिजली कंपनियों को भुगतान तो राज्य सरकारों को ही करना है। किसानों को सौर ऊर्जा संचालित पंपों को स्थापित करने में आने वाले ज्यादा खर्च को लेकर उन्होंने कहा कि कुसूम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 70 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है।
थर्मल से केमिकल पॉवर प्लांट की ओर बढऩा होगा : गुरदीप सिंह
इस मौके पर एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने जनरेशन कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन पर टिप्स दिए साथ ही कॉर्बन उत्सर्जन में कमी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से फ्लाइ ऐश का इस्तेमाल रोड व पैविंग ब्लॉक बनाने में हो रहा है उसी प्रकार उत्सर्जित कॉर्बन डाइऑक्साइड को हाइड्रोजन के साथ मिलाकर हम केमिकल पॉवर प्लांट की ओर बढ़ सकते है। उन्होंने यह भी कहा कि अब एनटीपीसी के न्यू प्रोजेक्ट की फंडिंग भी इसी आधार पर होगी वह प्लांट कार्बन का कितना कम उत्सर्जन करता है। उन्होंने पॉवर प्लांट के लिए जल संरक्षण की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला। सिंह ने जनरेशन कास्ट को अनुकूल बनाने के लिए मशीनरी के स्पेयर पार्ट की उपलब्धता व कोयले की क्वालिटी पर भी ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पॉवर जनरेशन के लिए अभी एक-दो दशक तक कोयले पर निर्भरता बनी रहेगी।
क्लीनर-ग्रीनर एनर्जी के लिए कॉन्फ्रेंस अहम: देवांगन
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक कुमार देवांगन ने ऊर्जा क्षेत्र में एनटीपीसी द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये कॉन्फ्रेंस क्लीनर व ग्रीनर एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने में बेहद अहम साबित होगी। देवांगन रायपुर के कलेक्टर भी रह चुके हैं। एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) प्रकाश तिवारी ने अभार व्यक्त किया।
छग स्थित सिपथ प्लांट को ओवरऑल एक्सीलेंस अवार्ड
कार्यक्रम में एनटीपीसी के छत्तीसगढ़ स्थित सिपथ प्लांट को ओवरऑल एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ है। जबकि सतत सुधार श्रेणी में सिंगरौली प्लांट को पुरस्कार प्राप्त हुआ। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिह्न भेंट किए ।