Ukraine Worsening Situation : यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से वहां पिछले छह दिनों से हालात लगातार बिगड़ रहे है जो सारी दुनिया के साथ ही भारत के लिए भी चिंता की बात है। भारत के हजारों छात्र अभी भी यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए है और उनकी सुरक्षित भारत वापसी भारत के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। इस बीच यूक्रेन के खारकींव क्षेत्र में रूस की सेना द्वारा किए गए हमले में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई जो बेहद दुखद घटना है।
वहां अभी भी बड़ी संख्या में छात्र फंसे हुए है जिनको सुरक्षित निकाल (Ukraine Worsening Situation) पाना मुश्किल हो रहा है। यद्यपि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार केन्द्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ौसी देशों में भेजा है जो भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में मदद करेंगे, किन्तु यह काम इसलिए पेजीदा हो गया है क्योंकि यूक्रेन से लाखों की संख्या में स्थाननीय लोग भी पलायन कर रहे है और उनकी विभिन्न देशों के बार्डर पर भारी भीड़ एकत्रित हो गई है। जिसकी वजह से भारतीय छात्रों को दूसरे देश में पहुंचने में दिक्कत आ रही है।
इसके अलावा कीव में भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए है जिसे रूस की सेना चारों तरफ से घेर रही है और वहां कभी भी जंग तेज हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो वहां फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी भी मुश्किल हो जाएगी। भारत की प्राथमिकता प्रत्येक भारतीय को यूक्रेन से बाहर निकालकर स्वदेश लाना है और इसके लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन यूक्रेन के बिगड़ते हालात भारत की चिंता बढ़ा रहे है।
जो छात्र वहां फंसे हुए है उनके अभिभावकों की भी चिंता बढ़ गई है। इस बारे में भारत को और प्रभावी पहल करनी होगी ताकि जंग के बीच भी प्रत्येक भारतीय की वापसी सुनिश्चित हो सके। भारत के साथ ही अन्य देशों के छात्र भी वहां फंसे हुए है और उनकी वापसी भी नहीं हो पा रही है। रूस और यूक्रेन को चाहिए कि जब तक यूक्रेन में फंसे छात्रों की वहां से निकासी नहीं हो जाती तब तक वे संघर्ष विराम रखें ताकि निर्दोर्ष छात्र इस जंग का शिकार न हो पाएं।
इसके लिए विश्व समुदाय को भी यूक्रेन (Ukraine Worsening Situation) और रूस पर दबाव बनाना चाहिए कि वे कुछ समय तक तो इस जंग को राकें जब तक वहां से भारत सहित अन्य देशों के लोगों को वहां से बाहर निकलने का अवसर नहीं मिल जाता।