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Tuberculosis TB: तपेदिक टी.बी. छाती में दर्द, दिन ढलने के बाद बुखार, ऐसे करें उपाय

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Tuberculosis TB: इस रोग का हमला अधिकतर फेफड़ों पर होता है। वैसे यह रोग शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। हड्डियां भी इससे अछूती नहीं रहती हैं। यह मायको बैक्टीरिया ट्यूबरक्युलोसिस नामक जीवाणु से फैलता है।

इस रोग में रोगी को खांसी रहने लगती है। फेफड़े खोखले (Tuberculosis TB) हो जाते हैं ! छाती में दर्द तथा दिन ढलने के बाद बुखार बढ़ने लगता है। स्वर नली में घाव होने के कारण भी खांसी के साथ रक्त आता है।

 Tuberculosis TB: तपेदिक का उपचार

Tuberculosis TB: सहिजन के पत्तों का सूप बनाकर उसमे नमक, काली मिर्च और नींबू का रस मिलाकर पीने से क्षय रोगी को सांस लेने जो कष्ट होता है, वह दूर होता है। रोगी को खट्टे पदार्थ और बासी भोजन (जैसे-दही, अचार आदि) का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

note: यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही उपाय करें 

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