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संपादकीय: एक बार फिर ट्रंप ने मारी पलटी

Trump backtracked once again

Trump backtracked once again

Editorial: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्डट्रंप जो अपनी कही बात से पलटी मारने के आदी रहे हैं उन्होंने एक बार फिर भारत के प्रति अपने रूख को लेकर पलटी मार दी है। दो दिन पहले ही उन्होंने भारत को लेकर यह ट्विट किया था कि भारत चीन और रूस के करीब आने से उन्हें यह लगता है कि उन्होंने भारत और रूस को अतिरहस्यमयी और अत्यंत खतरनाक चीन के हाथों खो दिया है। इसके साथ उन्होंने संघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक में ली गई एक फोटो भी शेयर की थी जिसमें नरेन्द्र मोदी, पुतिन और शी जिंपींग एक दूसरे के हाथ में हाथ देकर हस्ते मुस्कुराते नजर आ रहे हैं।

गौरतलब है कि संघाई सहयोग संगठन के चीन में आयोजित सम्मेलन के दौरान वहां भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो भव्य स्वागत हुआ था और उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ लगभग पौन घंटे चर्चा की थी और इसके बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपींग के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर कई मुद्दों के पर सहमति कायम की थी उससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीने में सांप लोट गया था। वे रोज मीडिया के सामने आते हैं लेकिन संघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के बाद वे कई दिनों तक मीडिया से दूर रहे जिसकी वजह से अमेरिका में उनके स्वास्थ को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया था।

इस बीच उन्होंने ट्विट करके एक बार फिर भारत के प्रति अपनी नाराजगी ही जाहिर की थी लेकिन चौबीस घंटे के भीतर ही उन्होंने पलटी मार दी और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक महान नेता बता दिया। प्रेस कांफ्रेन्स के दौरान उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी उनके बहुत अच्छे दोस्त हैं और हमेशा दोस्त बने रहेंगे। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर जो मतभेद उभरे हैं वे जल्द दूर हो जाएंगे। जाहिर है डोनाल्ड ट्रंप को अब अपनी गलती का एहसास हो गया है उन्होंने अपनी सनक के चलते भारत के साथ पंगा मोल लेकर खुद अमेरिका का भी बड़ा नुकसान कर दिया है।

जिसकी वजह से अमेरिका में ही डोनाल्ड ट्रंप का भारी विरोध होने लगा है। यही नहीं बल्कि भारत सहित कुछ अन्य देशों पर डोनाल्ड ट्रंप ने जो टैरिफ अटैक किया है उसे अमेरिका की निचली अदालत ने भी अवैधानिक करार दिया है। अदालत ने स्पष्ट कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी आपातकालीन शक्ति का दुरूपयोग किया है। टैरिफ लगाना असंवैधानिक है और इसे तत्काल वापस ले लेना चाहिए।

निचली अदालत के इस फैसले को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी है और यह तर्क दिया है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकने के लिए भारत पर टैरिफ लगाना जरूरी था। यदि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भी टैरिफ लगाने को अवैधानिक करार दिया तो डोनाल्ड ट्रंप को टैरिफ वापस लेने पर बाध्य होना पड़ेगा। इस स्थिति को भांप कर ही डोनाल्ड ट्रंप ने अब अपना सूर बदल लिया है उन्हें पता चल गया है कि भारत किसी दबाब के आगे नहीं झूकेगा और यदि अमेरिका अपनी हठधर्मिता पर कायम रहा तो उसे भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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