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Tribal Gondwana Festival : PCC चीफ ने कहा- प्राचीन धरोहर को बचाना सबकी जिम्मेदारी

Tribal Gondwana Festival: PCC Chief said - it is everyone's responsibility to save the ancient heritage

Tribal Gondwana Festival

धमधा/नवप्रदेश। Tribal Gondwana Festival : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम धमधा में आयोजित तीन दिवसीय आदिवासी गोंडवाना महोत्सव व ईशर गौरा महापूजा में शामिल हुए। इस दौरान मरकाम ने कहा कि गोंड राजाओं की नगरी धमधा के धरोहरों का संरक्षण आवश्यक है। इसके लिये शासन स्तर पर प्रयास किया जाएगा। यह केवल मरकाम परिवार की संपत्ति नहीं, बल्कि नगर और देश-प्रदेश की संपत्ति है। इसका संरक्षण करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

पुरातात्विक संरक्षण के लिए CM से करेंगे चर्चा

मरकाम राजपरिवार व धर्मधाम गौरवगाधा समिति के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हमारी धरोहर आज जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। हम कोई विवाद नहीं चाहते, शांति के साथ विकास चाहते हैं। इसके पुरातात्विक संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा करेंगे। धमधागढ़ गोंड समाज की पहचान है।

मरकाम वंश के राजाओं ने किया 700 वर्षों तक राज

आयोजन (Tribal Gondwana Festival) समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि धमधा की स्थापना गोंड राजाओं ने की लेकिन इस गौरवशाली इतिहास को सभी भूल गए हैं। मरकाम वंशीय राजाओं ने यहां सात सौ साल तक राज किया। उन्होंने धमधा के निर्माणाधीन सौ बिस्तर अस्पताल व नए सब्जी मंडी का नामकरण नगर के संस्थापक राजा सांड-विजयी के नाम पर करने की मांग की तथा अंतिम राजा परऊ सिंह व स्वतंत्रता सेनानी बूढ़ान साय के नाम पर शैक्षणिक संस्था का नामकरण करने की मांग की। जिसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने नगर पंचायत अध्यक्ष सुनीता गुप्ता को प्रस्ताव भेजने कहा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य अनुसूचित जनजाति प्राधिकरण मध्यक्षेत्र की उपाध्यक्ष व विधायक सिहावा लक्ष्मी ध्रुव ने कहा कि मरकाम राजवंश के आयोजन के लिये किला परिसर नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। भविष्य में इस तरह की परिस्थिति निर्मित न हो, इसके लिये पहल की जाएगी। इस आयोजन में राजपरिवार के वंशज योग साय, गंडई के राजा तारकेश्वर सिंह खुसरो, आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जनक ध्रुव, लखन ध्रुव, बैरागी मरकाम विशेष रूप से उपस्थित थे। मंच संचालन गोविन्द पटेल ने व आभार इंजी. बाल्मिकी मरकाम ने किया।

पारंपरिक तरीके से हुई ईशर गौरा महापूजा

तीन दिन तक धमधा में प्राचीन परंपरा (Tribal Gondwana Festival) के साथ ईशर गौरा महापूजा का कार्यक्रम हुआ। इसमें मांदर की थाप के साथ आदिवासी नृत्य करते हुए नगर में शोभायात्रा भी निकाली गई। नागरिकों ने आरती उतारकर स्वागत व पूजा की।

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