Treason Case : हमेशा पाकिस्तान का राग अलापने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान का समर्थन करने वालों की पैरोकारी की है। भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए टी-२० वल्र्डकप के मैच में पाकिस्तान की जीत पर जम्मू कश्मीर सहित कई स्थानों पर पाकिस्तान परस्त लोगों ने जश्न मनाया, जिनके खिलाफ अब सरकार कार्यवाही कर रही है और उनके विरूद्ध देशद्रोह का मामला बना रही है जो स्वागत योग्य कदम है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पाकिस्तान की जीत पर खुशी मनाने वाले कश्मीरी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की है। इसी तरह कश्मीर में भी जिन कश्मीरी छात्र-छात्राओं ने पाकिस्तान की जीत पर जश्र मनाया था उन्हे भी गिरफ्तार किया गया है। सरकार की इस कार्यवाही का विरोध करते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उन गिरफ्तार विद्यार्थियों की तत्काल रिहाई की मांग की है।
इसी तरह डॉ. फारूख अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा है कि कश्मीर में पाकिस्तान की जीत पर जश्र (Treason Case) नहीं मनाया गया था बल्कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को चिढ़ाने के लिए खुशी का इजहार किया गया था क्योंकि कश्मीर से ३७० के खात्में के बाद से स्थाननीय युवाओं में आक्रोश व्याप्त है जो कभी भी विस्फोट कर सकता है।
निश्चित रूप से महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला का यह बयान भड़काऊ है। इसके पूर्व भी उन नेताओं ने कई बार इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी की है। इनके इस तरह के बयानों से ही कश्मीर के युवा डिग्भ्रमित होते है और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होकर अपना कैरियर चौपट कर लेते है। कायदे से तो फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए जो लगातार पाकिस्तान के समर्थन में बयानबाजी करते रहे है।
ये लोग खाते हिन्दुस्तान का है और गाते पाकिस्तान का है। उन लोगों ने ही कश्मीर में आतंक की आग को हवा देने का काम किया है। अब जबकि उनकी राजनीतिक दुकानदारी बंद होने जा रही है तो फिर वे उकसाने वाले बयान दे रहे है और कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे है। समझ में नहीं आता कि केन्द्र सरकार आखिर इन पाकिस्तान परस्त कश्मीरी नेताओं के खिलाफ (Treason Case) आखिर कार्यवाही कब करेगी।