Third Wave : भारत में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम जरूर हुआ है लेकिन अब केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक है तामिलनाडु सहित देश के १० राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रही वृद्धि के चलते कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही आने की आहट मिल रही है। अब प्रतिदिन देश में चालिस हजार से अधिक नए मामले सामने आने लगे है, इसमेंं सर्वाधिक २०,००० नए मामले तो अकेले केरल से आ रहे है। जहां पिछले पांच दिनों से प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के २०,००० हजार से ज्यादा नए मामले सामने आने लगे है।
इससे देश में इसी माह कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना (Third Wave) को बल मिल रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है। गौरतलब है कि अभी देश में शत-प्रतिशत टीकाकरण होने में लगभग चार महीने का समय और लगेगा। ऐसी स्थिति में यदि भारत में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर आती है तो जाहिर है कि स्थिति से निपटना आसान नहीं होगा। यद्यपि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी कर ली है लेकिन इसमें आम जनता का सहयोग भी निहायत जरूरी है जो कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होते ही कूदकर इस नतीजे पर पहुंच गई है कि अब कोरोना का असर खत्म हो रहा है।
नतीजन लोगों ने सैर सपाटा करना शुरू कर दिया है और इस दौरान न तो वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे है और न ही मास्क लगाना जरूरी समझ रहे है। अनेक राज्यों में शौक्षणिक संस्थान भी खोल दिए गए है, हालांकि इन शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना गाईड लाईन का पालन कराने की बात कही जा रही है लेकिन इसकी मानिटरिंग करना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
इसी तरह बाजारों, शापिंग मालों, थियेटरों और पार्को में भी लगने वाली भीड़ से कोरोना (Third Wave) गाईड लाईन का पालन करा पाना बेहद मुश्किल काम है। बेहतर होगा कि इस बारे में भी केन्द्र सरकार संबंधित राज्य सरकारों के साथ चर्चा कर के नए सिरे से कोरोना गाईड लाईन जारी करें और उसका कड़ाई पूर्वक पालन सुनिश्चित करें ताकि कोरोना की तीसरी लहर के कहर से बचा जा सके। इसके साथ ही कोरोना की वैक्सीन लगाने के काम को भी युद्ध स्तर पर अंजाम दिया जाना चाहिए।
कोरोना की वैक्सीन ही कोरोना (Third Wave) से बचाव का कारगर उपाय है इसलिए टीकाकरण अभियान को तेज करने की सख्त जरूरत है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी कड़ाई पूर्वक पालन किया जाना बहुत ही जरूरी है। घर से बाहर कही भी जाने पर मास्क भी अवश्य लगाने एवं दूसरों को मास्क लगाने हेतु प्रेरित करने की भी आवश्यकता है।