The meaning of Pakistan’s coronation: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पद पर पाकिस्तान की ताजपोशी होने को लेकर भारत में विपक्षी पार्टियों और उनके इको सिस्टम ने हाय तौबा मचानी शुरू कर दी है। पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान मिलने को मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलता बताया ता रहा है। जबकि हकीकत यह है कि संयुक्त संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य देशों को हर महीने अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार एक महीने के लिए अध्यक्ष पद दिया जाता है। इस बार पाकिस्तान को यह अवसर मिला है।
ऐसा भी नहीं है कि पहली बार पाकिस्तान को अध्यक्ष के रूप में कमान सौंपी गई है। इसके पहले भी पाकिस्तान छह बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष रह चुका है भारत को भी आठ बार अध्यक्ष पद संभालने का अवसर मिल चुका है। इसलिए पाकिस्तान की ताजपोशी के कोई खास मायने नहीं हैं।
यह एक औपचारिक जिम्मेदारी है। एक माह के लिए अध्यक्ष बनने पर किसी भी देश को कोई विशेष अधिकार नहीं मिल जाते यह एक सामान्य प्रक्रिया है कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका, रूस, चीन, इंग्लैंड और फ्रांस से पांच स्थाई सदस्य हैं। इनके अलावा दस अस्थाई सदस्य दो साल के लिए बनाये जाते हैं।
जनवरी 2025 में पाकिस्तान (The meaning of Pakistan’s coronation) को एक बार फिर अस्थाई सदस्य चुना गया है अब उसे एक माह के लिए इसका अध्यक्ष बनाया गया है। इससे भारत की कूटनीतिक विफलता का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। न ही भारत को इससे कोई फर्क पड़ता है। यह हो सकता है कि पाकिस्तान एक माह के दौरान संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर जम्मू कश्मीर का मुद्दा पुरजोर ढंग से उठाने की कोशिश कर सकता है। किन्तु इस बारे में वह सिर्फ अपनी भड़ास ही निकाल सकता है।
कोई नीतिगत फैसला नहीं करा सकता। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 193 देशों में से अधिकांश देश इस मुद्दे पर भारत का समर्थन करते रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान जम्मू कश्मीर का मसला उठाकर कुछ हासिल नहीं कर पायेगा। पाकिस्तान पहले भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बेशूरा कश्मीर राग अलापता रहा है और उसे भारत मुंहतोड़ जवाब देता रहा है। इसलिए पाकिस्तान की एक माह के लिए हुई इस ताजपोशी से भारत के लिए चिन्ता वाली कोई बात नहीं है। इसके पूर्व हाल ही में अमेरिका के दबाव में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अपनी आतंकवाद निरोधक समीति का पाकिस्तान को उपाध्यक्ष बनाया था इसे लेकर भी इसी तरह की चिंता जाहिर की गई थी लेकिन वे भी निर्मूल सिद्ध हो रही है।