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संपादकीय: भारतीय सेना पर भरोसे करे देश

The country should trust the Indian Army

The country should trust the Indian Army

The country should trust the Indian Army: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरा देश एक स्वर में मांग कर रहा है कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में सबक सिखाने के लिए भारत उसके खिलाफ बड़ी सैन्य कार्यवाही करे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को भरोसा दिया है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्यवाही जरूर करेगा। इसके लिए उन्होंने भारतीय सेना को पहले ही खुली छूट दे दी है।

पीएम मोदी ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भारत के तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक बार फिर बैठक की है और पाकिस्तान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्यवाही को लेकर विस्तृत विचार विमर्श किया है। इधर, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि देश जो चाहता है पाकिस्तान के खिलाफ वह कार्यवाही जरूर होगी। गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में आतंकवाद के जनक पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। देश की सभी विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार की हर कार्यवाही का समर्थन किया है।

और वे भी लगातार यह मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ जल्द से जल्द और कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। विपक्षी पार्टियों सहित सभी देशवासियों को अपनी सरकार और भारतीय सेना पर भरोसा रखना चाहिए। वह आतंकवाद की जड़ पर कड़ा प्रहार निश्चित रूप से करेगी। किन्तु इसके लिए उचित अवसर की प्रतीक्षा की जा रही है। जाहिर है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पांचवीं जंग की संभावाना बलवती हो गई है।

पाकिस्तान ने तो सीमा पार से जंग की तैयारी भी शुरू कर दी है। पिछले दस दिनों से संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए वह लगातार गोलीबारी कर रहा है। जिसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे ही रही है। किन्तु भारत इस बार पाकिस्तान के खिलाफ बहुत बड़ी सैन्य कार्यवाही करने की योजना बना चुका है और इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। भारत यदि चाहता तो पहलगाम की घटना के तत्काल बाद पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्यवाही कर सकता था लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया है तो इसके पीछे भी कोई न कोई कारण जरूर है।

दरअसल, पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ है। उसके पीछे भले ही पाकिस्तान का हाथ हैं लेकिन इसका असली मास्टर माइंड चीन है। चीन-भारत की बढ़ती ताकत से न सिर्फ चिंतित है बल्कि वह भारत को जंग में उलझाने की साजिश भी रचता रहा है। इसके लिए उसने पहले तो बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल बनवाया। ताकि भारत बांग्लादेश पर हमला कर दे और जंग में उलझ जाए। किन्तु चीन की इस चाल में नहीं फंसा तो अब उसने पाकिस्तान के कंधे का इस्तेमाल कर भारत पर निशाना साधा है। चीन को यह भरोसा था कि पहलगाम की आतंकी घटना के बाद भारत गुस्से में आकर पाकिस्तान के खिलाफ तत्काल जंग छेड़ देगा।

ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा। चीन यह भी उम्मीद कर रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की स्थिति निर्मित होने पर भारत के मुसलमान भी अपनी सरकार के खिलाफ हो जाएंगे। ऐसे में भारत के भीतर गृह युद्ध की भी संभावना बढ़ जाएगी। किन्तु भारतीय मुसलमानों ने भारत के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई और सभी ने न सिर्फ पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की बल्कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की। इससे चीन की यह चाल भी विफल रही।

इस आतंकी हमले के पीछे उद्देश्य को समझ चुका था। इसलिए उसने पाकिस्तान के खिलाफ तत्काल बड़ी सैन्य कार्यवाही नहीं की। किन्तु पाकिस्तान चीन के मकड़ जाल में फंस चुका है और अभी भी वह चीन के हाथों की कठपुतली बना हुआ है। वैसे भी पाकिस्तान के पास खोने के लिए कुछ भी बाकी नहीं है लेकिन भारत पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्यवाही सोच समझकर करना चाहता है।

जंग की स्थिति में भारत पाकिस्तान पर बहुत भारी पड़ेगा और पांचवीं बार भी उसे शिकस्त देगा। लेकिन भारत चाहता है कि इस जंग में उसे कम से कम नुकसान हो और पाकिस्तान मिट्टी में मिल जाए। भारत पर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्यवाही जल्द से जल्द करने का दबाव बनाने वाले विपक्षी दलों को यह नहीं भूलना चाहिए कि इजराइल ने फिलिस्तीन के आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करने में एक माह से भी अधिक का समय लिया था। उसने पूरी तैयारी की और फिर उसने गाजापट्टी का नामोंनिशान मिटाकर रख दिया।

दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने भी उसके यहां हुए 26/11 आतंकी हमले के एक साल बाद इसका बदला लिया था। इसलिए भारत भी उपयुक्त समय आने पर इसका बदला लेगा और वह ऐसा होगा कि पाकिस्तान की सात पुश्तें उसे याद रखेंगी। कहते हैं न कि गर्म खाने से मुंह और हाथ दोनों के जलने का खतरा होता है इसलिए ठंडा करके ही खाना चाहिए। भारत वही कर रहा है ऐसा भी नहीं है कि पहलगाम की घटना के बाद भारत खामोश बैठा हुआ है वह पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कार्यवाही लगातार कर रहा है और कड़े फैसले लेकर पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कंगाल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।

यही नहीं बल्कि पाकिस्तान को दुनिया से अलग-थलग करने की उसकी कोशिशें भी रंग जा रही हैं। पाकिस्तान और भारत के बीच जंग होने की स्थिति में आज अमेरिका और रूस तथा इजराइल सहित अधिकांश देश भारत का साथ देने के लिए तैयार हैं। जो देश तटस्थ रहना चाहते हैं और भारत व पाकिस्तान के बीच जंग की संभावना को टालने के लिए मध्यस्थता की पेशकश कर रहे हैं। उसे भी भारत टका सा जवाब दे रहा है।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोपीए देशों को दो टूक शब्दो में कह दिया है कि वे भारत को सलाह न दें। इसी से स्पष्ट हे कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्यवाही जरूर करेगा, देश को इसकी प्रतिक्षा करनी चाहिए।

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