Terrorist : केन्द्र सरकार ने आतंकियों को धन देने वाले और जेहादी साहित्य उपलब्ध कराने वाले उनके मददगारों को भी आतंकवादी घोषित करने के लिए नया कानून बनाया है। इस कानून के प्रभावी हो जाने के बाद अब आतंकवादियों के मददगारों की खैर नहीं रहेगी। इस तरह का कड़ा कानून बहुत पहले बन जाना चाहिए था लेकिन देर से ही सही इस कानून के बनने से आतंकवादियों के मददगारों में अब कानून का खौफ पैदा होगा।
गौरतलब है कि कश्मीर में पाकिस्तान की शह पर जो आतंकवादी (Terrorist) पिछले कई सालों से हिंसक घटनाओं को अंजाम देते रहे है उसमें बड़ी भूमिका कश्मीर के उन अलगाववादी ताकतों की भी रही है जो आंतकवादियों को न सिर्फ आर्थिक मदद मुहैया कराते थे बल्कि उन्हे पनाह भी देते थे। भारतीय सेना और सुरक्षा बल के जवान जब ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ कार्यवाही करती थी तो कश्मीर के ही तथा कथित भटके हुए युवा भारतीय सेना पर पत्थर बरसाने लगते थे और आतंकवादियों को भाग निकलने का मौका देते थे।
इन पत्थरबाजों को भी आर्थिक मदद अलगाववादी ताकतें ही उपलब्ध कराती थी। जम्मू कश्मीर से ३७० के खात्में के बाद अब वहां अतंकवादियों को चून चून कर मारा जा रहा है लेकिन उनके मददगारों के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है जो अब नया कानून बनने के बाद हो पाएगी। फिलहाल तो कश्मीर में पत्थरबाजों की पतासाजी की जा रही है और उन्हे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र घोषित करने की तैयारी की जा रही है। कायदे से तो इन पत्थरबाजों को भी आतंकवादी ही घोषित किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान अभी भी कश्मीर में अशांती फैलाने की कोशिश कर रहा है, सीमा पर भारतीय सेना की चौकसी के कारण वह पाकिस्तान से कश्मीर में आतंकवादियों (Terrorist) की घुसपैठ नहीं करा पा रहा है ऐसी स्थिति में वह कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की मदद से कश्मीरी युवाओं को बरगलाने का षडयंत्र चर रहा है। पाक के इस नापाक इरादें को नाकम करने के लिए यह जरूरी है कि आतंकवादियों की किसी भी तरह की मदद करने वालों के खिलाफ भी उसी तरह की कड़ी कार्यवाही की जाए जैसी आतंकवादियों के खिलाफ की जाती है।
जब तक ऐसे कड़े कदम नहीं उठाएं जाएंगे तब तक कश्मीर में स्थाई रूप से अमल और चैन कायम नहीं हो पाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि कश्मीर में आतंकवादियों (Terrorist) के मददगारों की भी सरकार जल्द से जल्द जन्मकुंडली बनाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगी।