Terrorist Organization : तालिबान के हिमायतियों की संख्या हमारे देश में भी बढ़ती जा रही है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूख अब्दुल्ला ने अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठन तालिबान की सरकार बनने पर न सिर्फ खुशी जाहिर की है बल्कि यह भी उम्मीद की है कि तालिबान अफगानिस्तान में अच्छी सरकार देगा।
डॉ फारूख अब्दुल्ला ने तालिबान सरकार को नसीहत भी दी है कि वह दुनिया के अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध बनाएं। डॉ. फारूख अब्दुल्ला के स्वर में स्वर मिलाते हुए जम्मू कश्मीर की एक और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने की तारीफ की है और तालिबान की शान में कसीदे पढ़े है।
महबूबा मुफ्ती इसके पहले भी तालिबान की पैरोकारी कर चुकी है और उन्होने केन्द्र सरकार को धमकी भी दी थी कि यदि जम्मू कश्मीर से ३७० को खत्म नहीं किया गया तो वहां के लोग भी तालिबानी बन सकते है। इसके अलावा भी देश के कई स्वनाम धन्य नेताओं और तथा कथित सेलिब्रिटियों ने तालिबान की वकालत की है।
जबकि अभी तक भारत सरकार ने तालिबान (Terrorist Organization) सरकार को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। इसके बावजूद हमारे देश में तालिबान समर्थक लगातार तालिबान की प्रशंसा में तूल बांध रहे है जो कतई उचित नहीं है। ऐसे तालिबान समर्थकों के खिलाफ सरकार को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए लेकिन न जाने क्यों सरकार इस ओर से आंख मूंदे बैठी है।
तालिबान समर्थकों के खिलाफ कार्यवाही न होने का ही यह दुष्पणिाम है कि अब एक के बाद एक कई तालिबान समर्थक सामने आने लगे है। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को जल्द से जल्द और कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। तालिबान सरकार को न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के अधिकांश देश अभी तक अपना समर्थन देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि तालिबान ने बंदूक की नोक पर सत्ता हासिल करने के बाद से फिर आतंक का नंगानाच शुरू कर दिया है और तालिबान का विरोध करने वाले अफगानिस्तानियों के खिलाफ दमन चक्र चला रखा है, महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान (Terrorist Organization) खुलेआम मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है ऐसी आतंकवादी सोच रखने वाली सरकार को कोई भी देश समर्थन नहीं देगा लेकिन भारत में तालिबानी सोच रखने वालों की कमी नहीं है जो तालिबान का समर्थन कर रहे है। उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार कार्यवाही करेगी।