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दंतैल हाथियों का आतंक जारी, रात में ट्रॉली लोड धान की बोरियों को पहुंचाया नुकसान..

Terrorist elephants continue to panic, damage to trolley-loaded paddy sacks at night,

mahasamund


-खोर्रा पहाड़ी में धान खाने के बाद फिर पहुंचे दंतैल, इधर, धनसूली, जीवतरा, बकमा, परसदा (ब), कोना, खट्टी सहित आसपास के गांवों में विभाग करा रहा मुनादी

महासमुंद। Mahasamund District Elephant: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के जिवतरा के खोर्रा पहाड़ी पर पिछले तीन-चार दिनों से दो दंतैल हाथी घूम रहे हैं । ये दंतैल रात में यहां से निकलकर फिर सुबह होते वापस आ जाते हैं । सोमवार रात तीन बजे दोनों दंतैल पहाड़ी से निकलकर ग्राम बकमा पहुंचे जहां उनकी नजर ट्रैक्टर पर लोड धान पर पड़ी ।

दोनों दंतैल (Mahasamund District Elephant) ब्यारे में घुस गए और धान खाकर रखे बोरियों को बिखेर दिया। इसके बाद अल सुबह होते ही ये दंतैल फिर पहाड़ी की ओर चले गए। इधर, दंतैल के विचरण से ग्रामीण दहशत में है, क्योंकि दोनों दंतैल आक्रमक हो गए है । दो दिन पहले ही बागबाहरा वन परिक्षेत्र में एक महिला की जान ली है। वन विभाग की मानें तो ये दोनों टस्कर है।

दंतैल के क्षेत्र में विचरण करने से विभाग ने आसपास के गांवों में मुनादी कराकर अलर्ट जारी कर दिया गया है । वहीं जनहानि को देखते हुए विभाग ने रात में घर से निकलने के लिए ग्रामीणों का मना कर किया गया है। दोनों टस्कर पहाड़ी में है ।

देर रात को यहां से निकलेंगे। विभाग की नजर दोनों पर बनी हुई है। वन परिक्षेत्र अधिकारी एसआर डड़सेना ने बताया कि रविवार रात साढ़े 8 बजे दोनों दंतैल पहाड़ी से निकलकर बकमा व जिवतरा के आसपास खेतों में घुमते हुए ग्रामीणों ने देखा था। सूचना के बाद गांव में अलर्ट जारी करते हुए रात में निकलने से मना किया गया था। रात तीन बजे दोनों दंतैल बकमा में उजाला पिता पवन चंद्राकर के ब्यारा में प्रवेश किया।

इसी दौरान उसकी नजर ट्रॉली में लोड धान की बोरियों पर पड़ी और धान खाकर बारियों को बिखेर दिया। घंटेभर आतंक मचाने के बाद उजाला होने से पहले जिवतरा एवं कोना के बीच खोर्रा पहाड़ी पर चले गए । उन्होंने बताया कि सुबह नुकसान का प्रतिवेदन बनाने टीम पहुंची थी। किसान को दंतैल द्वारा किए गए नुकसान की राशि का भुगतान किया जाएगा ।

पहाड़ी पर दंतैल, इन गांवों में अलर्ट जारी

वन विभाग की टीम पहाड़ी पर दंतैल (Mahasamund District Elephant) होने की वजह से आसपास के गांव धनसूली, जीवतरा, बकमा, परसदा (ख), कोना, खट्टी में अलर्ट जारी करा दिया गया है । मुनादी कराते हुए ग्रामीणों को बताया भी जा रहा है कि दंतैल रात में गांव की गलियों व खेतों में पहुंच सकते हैं, इसलिए रात के अंधेरे में निकलने के लिए मना किया गया है । इधर, वन विभाग की लगातार मुनादी से ग्रामीण व बच्चे भी सहम गए हैं ।

उन्हें दिनभर डर लगा रहता है कि कहीं दंतैल से सामना न हो जाए । बता दें कि इन दिनों खरीफ सीजन में धान की फसल लेने के लिए किसान खेतों में पहुंच रहे हैं । साफ-सफाई का कार्य कर रहे हैं । एक-दो बारिश के बाद अकरस की जोताई करने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन दंतैल की वजह से वे खेत नहीं जा पा रहे हैं।

गरियाबंद जिले की सीमा से फिर वापस लौटा एक टस्कर

रेंजर ने बताया कि एक टस्कर गरियाबंद जिले की सीमा तक पहुंचने के बाद फिर वापस महासमुंद की ओर आ गया है । इसका लोकेशन ग्राम परसाडीह के पास है । ग्रामीणों ने इसकी सूचना दी है । उन्होंने बताया कि दंतैल गरियाबंद की सीमा तक पहुंचने के बाद वापस लौट जाते हैं । तीनों दंतैल पर विभाग की नजर बनाई हुई है ।

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