आतंक (Terror) का पर्याय बन चुके पड़ोसी देश पाकिस्तान (neighbors Country Pakistan) की माली हालत (condition) इस कदर खो चूकी है कि वहां के लोगों के सामने भूखो मरने की नौबत आ रही है। गले तक कर्ज ले डूबे पाकिस्तान को वैश्विक संस्थाओं से लिए गए कर्ज का ब्याज चूकने में ही पसीने छूट रहे हैं।
पाकिस्तान हर सैंकड में 50 हजार रुपए का ब्याज चूकाता है। इधर पाकिस्तान की चीन से बढ़ती नजदीकियों के कारण साउदी अरब भी पाकिस्तान से खफा हो गया है। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा आर्थिक मदद पहुचाने वाले साउदी अरब ने अब पाकिस्तान का हुक्का पानी बंद करने का ऐलान कर दिया है।
यह भारत की एक बड़ी कुटनीतिक सफलता है कि सारी दुनिया से अलग-थलग पड़ पाकिस्तान को अब इस्लामिक देशों ने भी दरकिनार करना शुरू कर दिया है। जबकि दूसरी ओर आधा दर्जन इस्लामिक देशों ने हाल के कुछ वर्षो के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च से सम्मानित किया है।
बहरहाल पाकिस्तान के सामने अपनी डूबती अर्थव्यवस्था को सभालने के लिए एफएटीएफ से और कर्ज लेने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। जिसने पाकिस्तान के सामने यह कड़ी शर्त रखी है कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करे। अन्यथा उसे और कर्ज नहीं मिलेगा। यही वजह है कि पाकिस्तान ने नई पैतरेबाजी दिखाई है।
पाकिस्तान ने 88 आतंकवादियों कि नई सूची जारी की है जिसमें हाफिज सईद और मसूद अजहर सहित कई कुख्यात आतंकवादियों के नाम है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि इन सभी आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाया गया है और इनके बैंक खाते सीज कर दिए गए है। यही नहीं बल्कि पाकिस्तान ने पहली बार यह कबुल किया है कि भारत का मोस्ट वांटेड डॉन दाउद इब्राहिम पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है।
गौरतलब है कि भारत लगातार यह दावा करता रहा है कि 1993 के मुंबई बम विस्फोट का अपराधी दाउद इब्राहिम पाकिस्तान में है लेकिन पाकिस्तान इससे इंकार करता रहा है। लेकिन एफएटीएफ का डंडा चलने से पाकिस्तान को यह मानना पड़ा है कि दाउद इब्राहिम भी पाकिस्तान में है। उसके इस कबुलनामे के बाद अब भारत सरकार को दाउद इब्राहिम के प्रत्र्यपन के लिए दबाव बनाना चाहिए और विश्व मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करना चाहिए।
यही सही वक्त है जब सारी दुनिया से अलग-थलग पड़ गए पाकिस्तान के खिलाफ भारत को अपनी कुटनीतिक चाल तेज करनी चाहिए और पाक के नापाक इरादों से विश्व बिरादरी को अवगत कराना चाहिए ताकि आतंकगढ़ बन चूके पाकिस्तान के खिलाफ दुनिया भारत की किसी भी कार्यवाही का समर्थन करें और यदि पाकिस्तान दाउद इब्राहिम को भारत के हवाले नहीं करता है तो जिस तरह अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को बीन लादेन को मारा था उसी तरह भारत भी पाकिस्तान में घुसकर दाउद इब्राहिम, हाफिज सईद और मसूद अजहर को जहन्नूम रसिद करें।