नई दिल्ली/नवप्रदेश। Telecom Company : भारी कर्ज में डूबी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के 25.5 करोड़ ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नवंबर से कंपनी का नेटवर्क बंद हो सकता है। वोडाफोन आइडिया पर इंडस टावर्स का करीब 7,000 करोड़ रुपये का बकाया है। इंडस टावर्स ने धमकी दी है कि अगर कंपनी ने जल्दी से जल्दी उसके बकाये का भुगतान नहीं किया तो नवंबर से उसे टावर्स को एक्सेस नहीं दिया जाएगा। यानी वोडाफोन आइडिया के कस्टमरों के लिए नेटवर्क बंद हो जाएगा।
करोड़ ग्राहकों की बढ़ेगी मुश्किल
ईटी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी (Telecom Company) दी गई है। टावर कंपनी इंडस टावर्स ने सोमवार को वोडाफोन आइडिया को पत्र लिखकर यह चेतावनी दी है। सोमवार को ही इंडस टावर्स के बोर्ड की मीटिंग हुई। इसमें कंपनी की वित्तीय स्थिति पर चर्चा हुई। इंडस टावर्स का वोडाफोन आइडिया पर करीब सात हजार करोड़ रुपये का बकाया है। रिलायंस जियो (Reliance Jio) और एयरटेल (Airtel) के बाद वोडाफोन आइडिया देश की तीसरी बड़ी टेलिकॉम कंपनी है। लेकिन कंपनी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है और उस पर भारी कर्ज चढ़ा हुआ है।
5जी सर्विस में पीछे
एयरटेल और रिलायंस जियो दिवाली पर 5जी सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में हैं लेकिन वोडाफोन आइडिया ने अब तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। इसकी वजह यह है कि कंपनी को 5जी इक्विपमेंट सप्लाई करने वाली कंपनियों और टावर कंपनियों के साथ डील फाइनल करने में दिक्कत हो रही है। सूत्रों के मुताबिक ये कंपनियां वोडाफोन आइडिया से पिछला बकाया क्लीयर करने और नए कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए एडवांस पेमेंट्स मांग रही हैं। इन कंपनियों का वोडाफोन आइडिया पर 13,000 करोड़ रुपये का बकाया है। फिनलैंड की कंपनी नोकिया का 3,000 करोड़ रुपया और स्वीडन की कंपनी एरिक्सन का 1,000 करोड़ रुपये बकाया है।
वोडाफोन आइडिया ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन ग्रुप पीएलसी और आदित्य बिड़ला ग्रुप (ABG) की जॉइंट वेंचर है। कंपनी पर टावर कंपनी इंडस टावर्स का 7,000 करोड़ रुपये और अमेरिकन टावर कंपनी (ATC) का 2,000 करोड़ रुपये का बकाया है। वोडाफोन आइडिया को कई तिमाहियों से घाटा हो रहा है। यही कारण है कि कंपनी की 5जी सर्विस लॉन्च करने में देरी हो रही है। कंपनी कर्ज और इक्विटी के जरिए 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है लेकिन वह अब तक कोई डील नहीं कर पाई है।
वोडाफोन आइडिया पर कर्ज
जून के अंत तक कंपनी पर 1.98 लाख करोड़ रुपये (Telecom Company) से अधिक कर्ज था। इसमें से 1.16 लाख करोड़ रुपये डेफर्ड पेमेंट बकाया है जबकि बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस का 15,200 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी के पास कैश और कैश इक्विटेबल्स के रूप में केवल 860 करोड़ रुपये थे।