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संपादकीय: चैपियन्स ट्रॉफी में टीम इंडिया की हैट्रिक

Team India's hat-trick in Champions Trophy

Team India's hat-trick in Champions Trophy

Team India’s hat-trick in Champions Trophy: आईसीसी चैपियन्स ट्रॉफी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को एक रोमांचक मुकबाले में चार विकेट से पराजित कर चैपियन्स ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया। इसी के साथ भारतीय क्रिकेट टीम विश्व की एकमात्र ऐसी टीम बन गई है जो चैंपियन्स ट्रॉफी में जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब हुई है। भारत ने पहली बार 2002 में चंैपियन्स ट्रॉफी जीती थी। इसके बाद 2013 मेें भी उसने चैंपिन्यस ट्रॉफी पर कब्जा किया था। 2017 में भी टीम इंडिया चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी लेकिन उसे पाकिस्तान के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था और वह उप विजेता बनकर रह गई थी।

अब 2025 में भी टीम इंडिया ने चैंपियन्स ट्रॉफी जीतकर एक नया इतिहास रच दिया। चैंपियन्स ट्रॉफी में टीम इंडिया अपने सभी पांचों मैच जीतने में सफल रही। जबकि एक भी मैच में टीम इंडिया ने टॉस नहीं जीता था। हमेश विपक्षी टीम ने टॉस जीता जिसकी वजह से टीम इंडिया को कभी पहले बल्लेबाजी करनी पड़ी तो कभी उसे रनों का पीछा करना पड़ा। किन्तु इससे टीम इंडिया प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा और उसने अपने सभी मैच जीत लिये। टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को चैपियन्स ट्रॉफी के दौरान बहुत आलोचना का शिकार होना पड़ा कांग्रेस की एक प्रवक्ता ने तो टीम इंडिया के सेमीफाइनल के पहले रोहित शर्मा की फिटनेस पर सवालिया निशान लगाते हुए यहां तक कह दिया था कि वे योग्य कप्तान नहीं है।

इसी तरह की टिप्पणी कुछ अलोचकों ने भी की थी किन्तु रोहित शर्मा ने फाइनल मैच में कप्तानी पारी खेली और उन्होंने ताबड़तोड़ 76 रन बनाये। पहले विकेट की साझेदारी में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड द्वारा दिये गये 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 19 ओवर में 105 रन ठोक दिये। इस तरह कप्तान रोहित शर्मा ने टीम इंडिया की जीत की मजूबत बुनियाद बना दी और बाद में श्रेयस अय्यर ने 48 रनों की केएल राहुल ने नाबाद 34 रनों की पारी खेलकर टीम इंडिया की झोली में जीत डाल दी। फाइनल मैच की जीत में भारतीय गेंदबाजों ने भी अग्रणी भूमिका निभाई।

न्यूजीलैंड जैसे मजबूत टीम को भारतीय गेंदबाजों ने 251 रनों पर रोक दिया। भारतीय स्पीनर वरूणचक्रवर्ती, कुलदीप यादव ने दो विकेट चटकाये। वहीं मोहम्मद समी ने एक विकेट लिया तथा रविन्द्र जडेजा ने भी एक विकेट लिया। इस तरह सभी भारतीय गेंदबाजों ने बेहरतीन प्रदर्शन कर न्यूजीलैंड को बड़ा स्कोर खड़ा नहीं करने दिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने बेहद आक्रामक शुरूआत की थी। खासतौर पर उसके ओपनर रचिन रविन्द्र ने विस्फोटक बल्लेबाजी की जिसकी वजह से ऐसा लग रहा था कि न्यूजीलैंड 350 रनों से भी अधिक रन बना लेगी। किन्तु 11वें ओवर में कुलदीप यादव ने रचिन रविन्द्र का विकेट झटकर न्यूजीलैंड को पहला झटका दिया।

इसके बाद नियमित अंतराल में न्यूजीलैंड के विकेट गिरते रहे और वह 251 रनों पर सिमट गई। भारत के लिए यह लक्ष्य प्राप्त करना कोई कठिन काम सिद्ध नहीं हुआ और उसने एक ओवर शेष रहते फाइनल मैच जीत लिया। टीम इंडिया ने इस जीत के साथ ही 140 करोड़ भारतीयों का दिल भी जीत लिया। जिन्होंने पूरी रात इस जानदार जीत का शानदार जश्र मनाया। जीत का यही जश्र दुबई के स्टेडियम में भी नजर आया जब पूरी टीम खुशी से झूम उठी थी और कप्तान रोहित शर्मा तथा विराट कोहली हाथों में स्टंप लेकर डांडिया करने लगे। कप्तान रोहित शर्मा ने तो जय शाह को भी नचा दिया।

टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर जो अपने के अनुरूप हमेशा गंभीर रहते हैं उनका चेहरा भी खुशी से दमक पड़ा। निश्चित रूप से टीम इंडिया ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिसके लिए कप्तान रोहित शर्मा सहित टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी बधाई के पात्र हैं। जिनके जीत के जज्बे ने ही भारत को इस मुकाम पर पहुंचाया है। कप्तान रोहित शर्मा टीम इंडिया के ऐसे दूसरे कप्तान बन गये हैं जिनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने लगातार दो आईसीसी खिताब जीता है। 8 माह पहलेे ही रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत टी-20 का वल्र्ड कप जीतने में सफल हुआ था। इसमें भी टीम इंडिया ने अपने सभी मैच जीते थे। कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में वनडे के वल्र्ड कप में भी टीम इंडिया अपने सभी मैच जीतकर फाइनल में पहुंची थी लेकिन उसे ऑस्टे्रलिया के हाथों पराजित होना पड़ा था।

बहरहाल चैपियन्स ट्रॉपी जीतने की हैट्रिक लगाकर टीम इंडिया ने यह साबित कर दिया है कि क्रिकेट में उसकी बादशाहत बरकरार है। चैपिसन्य ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान को मिली थी। लेकिन उसका दुर्भाग्य यह रहा कि वह सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई। यही नहीं बल्कि चैपियन्स ट्र्रॉफी में जिन 8 टीमों ने भाग लिया था उसमें पाकिस्तान को 8वां नंबर मिला।

पाकिस्तान ने चैपियन्स ट्रॉफी के लिए लौहार स्थिति गद्दाफी स्टेडियम को इस टूर्नामेन्ट के मुताकिब बनाने पर सैकड़ों करोड़ रूपये भी खर्च कर डाले थे लेकिन भारत के फाइनल में पहुंचने के कारण फाइनल मैच भी दुबई में हुआ और पाकिस्तान का स्टेडियम ही फाइनल से बाहर हो गया। रही सही कसर फाइनल मैच के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह में पूरी हो गई। जब मंच पर पाकिस्तानी क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के किसी नुमाइंदे को जगह नहीं मिली। जबकि पाकिस्तान चैपियन्स ट्रॉफी का मेजबान था इस बारे में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट शोएब अख्तर ने टिप्पणी की है कि यह बेहद अजीब बात है कि जिस पाकिस्तान ने चंैपियन्स ट्रॉफी को होस्ट किया था उसका कोई नुमाइंदा वैश्विक मंच पर नहीं था।

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