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संपादकीय: ट्रेनों को निशाना बनाना चिंता का विषय

Targeting of trains a matter of concern

Targeting of trains a matter of concern

Targeting of trains a matter of concern: पिछले एक माह के भीतर विभिन्न राज्यों में यात्री ट्रेनों को पलटाने की साजिश का खुलासा हुआ है। एक के बाद एक कई घटनाएं होना कोई संयोग नहीं बल्कि एक प्रयोग हो सकता है।

पिछले एक माह के दौरान कभी रेल पटरी पर कहीं बोलडर रखे गए तो कहीं लकड़ी रखी गई तो कहीं लोहे के राड रखे गए। हद तो उस समय हो गई जब उत्तरप्रदेश के कानपूर शहर में कलिन्दरी एक्सप्रेस को निशाने बनाने की कोशिश की गई।

रेल पटरी पर भरा गैस सिलेन्डर रख दिया गया और उसके पास ही पेट्रोल तथा बारूद भी रखा पाया गया। ट्रेन चालक की सर्तकता के कारण कोई गंभीर दुर्घटना नहीं हो पाई अन्यथा कानपूर में भी गोधरा कांड को दोहराने की साजिश की गई थी इस घटना के बाद रेल प्रशासन हरकत में आया है और इस मामले की जांच एनआई को सौंप दी गई है।

गौरतलब है कि एक माह के भीतर आधा दर्जन ऐसी घटनाएं सामने आने से लोगों में दहशद फैल गई है। अब लोग रेल यात्रा करने से कतराने लगे है।

यह ठीक है कि रेलवे चालक की सतर्कता के चलते अभी तक कोई गंभीर दुर्घटना नहीं हुई है लेकिन गंभीर दुर्घटना आशंका तो बनी हुई है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है।

पूरे देश में लगभग ढेड़ लाख रेल पटरियों का जाल बिछा हुआ है। ऐसी स्थिति में चौबीसों घंटे रेल पटरियों की निगरानी करना संभव नहीं है और न ही पूरे रेल मार्गो पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जा सकते है।

यही वजह है कि देश में अराजकता फैलाने वाले आतंकी संगठनों के लिए रेल पटरियों को निशाना बनाना सबसे आसान टारगेट है। हाल ही में पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन के सरगना का एक वीडियों वायरल हुआ है जिसमें वह रेल जिहाद करने के लिए लोगो को उकसा रहा है।

जाहिर है रेल पटरियों को निशाना बनाने की जो कोशिश हो रही है उसके पीछे सीमा पार बैठे आतंकी संगठन का ही हाथ हो सकता है।

बहरहाल कानपूर की घटना की जांच अब एनआईए को सौंप दी गई है तो जाहिर है कि उसकी जांच दायरा भी बढ़ाया जाएगा और देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह की जो घटनाएं हुई है उसकी भी उच्च स्तरीय जांच की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि अराजक तत्व रेल पटरियों को निशाना बनाने के साथ ही यात्री ट्रेनों पर पथराव भी करते रहे है। ऐसी घटनाओं की भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे ।

कानपूर की घटना के बाद पुलिस ने 6 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है उनसे कडी पूछताछ के बाद इस बात का खुलासा होने की संभावना है कि इस साजिश के पीछे आखिर किसका हाथ है भले ही रेल जिहाद पाकिस्तान के आतंकी संगठन के इशारे पर हो रहा हो लेकिन उसे अंजाम देने वाले लोग भारत में ही है।

ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ देशद्रोह मुकदमा दर्ज करके उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिएं तभी ऐसे षडयंत्र करने वालों को सबक मिल पायेगा।

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