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संपादकीय: कश्मीर घाटी में फिर टारगेट किलिंग

Target killing again in Kashmir Valley

Target killing again in Kashmir Valley

Target killing again in Kashmir Valley: जम्मू कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें जम्मू कश्मीर के लोगों ने बढ़ चढकर हिस्सा लिया। नेशनल कांफ्रेन्स और कांग्रेस के गठबंधन को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ और उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गए।

इसके बाद यह उम्मीद जगी थी कि जम्मू कश्मीर में शांति की बहाली होगी और विकास की गति तेज होगी। किन्तु पड़ोसी देश पाकिस्तान को कश्मीर की तरक्की रास नहीं आती और वहां आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर अशांति फैलाना ही उसका मकसद रहा है।

पाकिस्तान ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी वहां दहशतगर्दी फैलाने की नाकाम कोशिशें की थी। भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की सतर्कता के कारण चुनाव के दौरान पाक प्रशिक्षित आतंकवादियों के नापाक मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए थे।

किन्तु जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार गठन के बाद पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर घाटी में एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे दिया गया।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के निर्वाचन क्षेत्र गांदरबल मेें केन्द्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे टनल प्रोजेक्ट में कार्यरत सात प्रवासी श्रमिकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी।

मृतकों में एक स्थानीय डॉक्टर भी शामिल था। कई श्रमिकों के घायल होने की खबर है जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। ये सभी श्रमिक काम खत्म करने के बाद मेस में खाना खाने बैठे थे। तभी आतंकवादियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। निश्चितरूप से यह आतंकवादियों की कायराना करतूत है।

जिसकी जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी निंदा की है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस आतंकवादी घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।

गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के सफाए के लिए भारतीय सेना और सुरक्षा बल के जवान लगातार मुहिम चला रहे हैं किन्तु अभी भी वहां बड़ी संख्या में आतंकवादी छिपे हुए हैं।

जो कश्मीर घाटी को दहलाने की साजिश कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद वहां सक्रिय आतंकवादियों और अलगाववादी ताकतों के हौसले बुलंद हुए हैं।

गौरतलब है कि जब जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेन्स को बहुमत मिला था तो कश्मीर घाटी में इस जीत की खुशी में आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे। यहां तक की पाकिस्तान के झंडे भी लहराए गए थे।

बहरहाल इस घटना के बाद भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों ने सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है और इस टारगेट किलिंग की घटना की जांच एनआईए के हवाले कर दी गई है।

इस बीच जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में पाकिस्तान के आतंकवादियों ने घुसपैठ करने की कोशिश की है जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया।

जाहिर है पाकिस्तान कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए सीमा पार से साजिशें कर रहा है। इसलिए जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना और सुरक्षाबलों को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है ताकि आतंकवादी कश्मीर घाटी में फिर ऐसी आतंकी घटना की पुनरावृत्ति न कर पाए।

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