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Strong Against The Pandemic : कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी जारी है

Strong Against The Pandemic: The fight against Corona is still on

Strong Against The Pandemic

डॉ. ओ.पी. त्रिपाठी। Strong Against The Pandemic : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश ने जिस तरह कोरोना महामारी के खिलाफ सशक्त युद्ध लड़ा है, उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है। पहली और दूसरी लहर में देशवासियों को कई मुसीबतों और दुखद घटनाओं का साक्षी बनना पड़ा। दूसरी लहर का कहर तो लगभग सारे देश ने देखा। अब तीसरी लहर की बात वैज्ञानिक और स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ कर रहे हैं।

वास्तव में कोरोनो के केस कम होते ही सार्वजनिक जीवन और व्यवहार में लापरवाही बरती जा रही है। मास्क जैसे सरल उपाय को भी आम आदमी अपना नहीं रहा है। सामाजिक दूरी और भीड़भाड़ से बचना तो दूर की बात है। इन सब के बीच पिछले एक सप्ताह से देश में कोरोना के नये केस दोबारा बढ़त की ओर हैं। बीते दिनों लखनऊ में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘कोरोना के विरुद्ध लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

मास्क, सामाजिक दूरी सहित सतर्कता व सावधानी ही कोरोना वायरस से बचाव के उपाय हैं।’ केंद्र और राज्य सरकारें भी लगातार सचेत कर रही हैं। बावजूद इसके लापरवाही का उपक्रम जारी है। एक बार फिर सचेत करना पड़ रहा है कि कोरोना वायरस अब भी मौजूद है और संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। यह सिर्फ केरल के ही कारण है। हालांकि शेष देश में कोरोना लगभग शांत है और चिंता अपेक्षाकृत नगण्य है। दरअसल चिंता का सबब यह है कि बीते कुछ दिनों से औसतन संक्रमित मरीजों के लगभग 40 हजार मामले रोजाना दर्ज किए जा रहे हैं।

मौतें भी 500-600 के बीच रिकार्ड की गयी। इस दौर में संक्रमण के आंकड़े 25,000 से भी कम हुए थे। फिर 30-35 हजार के दरमियान रहे। अब आंकड़े 45 हजार से ऊपर निकल गये हैं। चूंकि संक्रमण का सिलसिला लगातार जारी है, लिहाजा इन मामलों को ‘दूसरी लहरÓ की ही निरंतरता माना जा रहा है। फिर दोहराएंगे कि यह स्थिति सिर्फ केरल के कारण ही है। यानी करीब 70 फीसदी संक्रमण केरल में ही है। केरल में संक्रमण का फैलाव इसलिए भी सामने आ रहा है, क्योंकि वह एक खुला राज्य है।

ईद के बाद ओणम और मुहर्रम के त्योहार भी खुलकर मनाए गए। बाजार खुले रहे और भीड़ उमड़ती रही। केंद्र सरकार ने केरल के चिंताजनक हालातों के मद्देनजर व्यापक कदम उठाये हैं। देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से दूसरे राज्यों को कोरोना प्रबंधन सीखना चाहिए। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के मिशन मोड में मैदान में उतरने का उत्तर प्रदेश में बड़ा असर देखने को मिला है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 36 नए केस मिले हैं। इसके साथ ही 63 जिलों में बीते 24 घंटे में एक भी नया केस नहीं मिला है। प्रदेश में एक्टिव केस में भी गिरावट ने गति पकड़ ली है।

अब एक्टिव केस 258 हैं। सूबे में 24 घंटे में दो लाख लाख 22 हजार 210 कोविड सैम्पल (Strong Against The Pandemic) की जांच की गई। सूबे में अब तक सात करोड़ 27 लाख 49 हजार 298 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। प्रदेश में पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है। रिकवरी दर बढ़कर 98.7 फीसदी हो गई है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। इसके साथ-साथ अब प्रदेश में जनजीवन भी तेजी से सामान्य हो रहा है। प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या के साथ ही मृत्यु दर में भी भारी कमी आई है।

बीते 24 घंटे में 36 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इसी अवधि में 16 लोग इसके संक्रमण से उबरे भी हैं। प्रदेश में अब तक अब तक 16 लाख 86 हजार 287 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी के कोरोना प्रबंधन की तारीफ देश ही नहीं विदेश में भी हो रही है। सही मायनो में योगी सरकार की तारीफ होनी भी चाहिए। 22 करोड़ की आबादी वाले राज्य में कोरोना जैसी महामारी पर प्रभावी नियंत्रण कोई सरल कार्य नहीं है।

जाहिर है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूरे देश की तस्वीर और समीकरण बिगड़े हुए हैं। कोरोना पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स और विशेषज्ञ समूह के प्रमुख डॉ. विनोद कुमार पॉल ने देश को चेतावनी दी है कि सितंबर-अक्तूबर माह में कोरोना के 4 लाख मामले रोजाना सामने आ सकते हैं। मई मेें देश यह विभीषिका देख और झेल चुका है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन इंस्टीट्यूट का आकलन है कि यदि कोरोना संक्रमण के मामले यूं ही बढ़ते रहे, तो रोजाना 6 लाख केस तक की नौबत भी आ सकती है।

विशेषज्ञ समिति ने गहन विमर्श के बाद अपनी रपट प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंप दी है। रपट में खुलासा किया गया है कि अक्तूबर में तीसरी लहर का ‘चरम्य भी देखने को मिल सकता है। ज्यादातर देश इन संभावित स्थितियों से निश्चिंत है। अब ज्यादातर राज्यों में स्कूल भी खोले जा रहे हैं। बाजार, रेस्तरां, बार आदि आधी रात तक खुले रखे जा सकते हैं। लोग घर से बाहर निकल रहे हैं और इन जगहों में भीड़ जमा हो रही है। क्या इनसे कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा? तालाबंदी कोरोना संक्रमण को रोकने का समाधान नहीं है, लेकिन लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी का खुलापन और जमावड़े भी स्वीकार्य नहीं होने चाहिए।

ताजा हालातों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कहा है कि सामूहिक समारोहों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए किंतु यदि इसमें भाग लेना आवश्यक है तो पूर्ण टीकाकरण पूर्व अपेक्षित होना चाहिए। सरकार ने लोगों से कोविड रोधी टीके लगवाने और विशेषकर त्योहारी मौसम के दौरान कोविड अनुकूल आचरण के पालन का अनुरोध किया। सरकार ने चेताया कि साप्ताहिक संक्रमण दर में भले ही गिरावट की ओर हो लेकिन भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है।

आंकड़ों के अनुसार देश में 39 जिलों में 31 अगस्त को खत्म (Strong Against The Pandemic) हुए सप्ताह में साप्ताहिक कोविड संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ज्यादा रही जबकि 38 जिलों में यह दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच रही। देश में 16 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक मिल चुकी हैं, जबकि 54 प्रतिशत लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। सिक्किम, दादर और नगर हवेली तथा हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है।

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