मुंबई/रायपुर: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र मशीनरी प्रदर्शनी सोसायटी (भारतीय आईटीएमई सोसायटी) ने वैश्विक कपड़ा तकनीकी और अभियांत्रिकी प्रदर्शनी (जीटीटीईएस 2025) के दूसरे दिन बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र, गोरेगांव (पूर्व), मुंबई में आकर्षक और जानकारीपूर्ण कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रखी है। दिनांक 21 से 23 फरवरी तक चलने वाला यह तीन दिवसीय कार्यक्रम भारत के कपड़ा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसकी शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसमें तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन किया गया और कपड़ा उद्योग मशीनरी के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया गया।
दूसरे दिन की शुरुआत छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के निवेश शिखर सम्मेलन से बीटूबी इमारत में हुई, जिसमें कपड़ा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया, साथ ही कपड़ा उद्योग में एक प्रमुख के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य की क्षमता पर प्रकाश डाला गया। खेमे में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के बीच बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की गई, जो मेल जोल, सहयोग बढ़ाने और नए गठबंधनों की स्थापना के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करती है। घरेलू और वैश्विक हितधारकों के बीच परस्पर संबंध बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करना और भारत के कपड़ा मशीनरी उद्योग की वैश्विक उपस्थिति को बढ़ावा देने के मामले में यह आयोजन सफल रहा।
इस सत्र में छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के सम्मानित सदस्य, श्री प्रवीण शुक्ला, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के अतिरिक्त निदेशक, प्रमुख सलाहकार, सीएसआईडीसी सुश्री दीक्षा पुरोहित और सीएसआईडीसी के प्रमुख सलाहकार श्री गुरजीत भाटिया उपस्थित थे।
आयोजन के दूसरे दिन के सत्र की शुरुआत करते हुए, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र मशीनरी प्रदर्शनी सोसायटी (भारतीय आईटीएमई सोसायटी) के संचालन समिति के अध्यक्ष और सदस्य, श्री केतन संघवी ने कहा, “राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति २०२४-२०३० हाल ही में लॉन्च की गई है, इसलिए हमारा मानना है कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ के संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र के साथ आपके विजन को संरेखित करने और विकास एवं सहयोग को बढ़ाने के रास्ते खोलने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा। मुझे उम्मीद है कि यह सत्र तकनीकी आविष्कारों और शिल्पों पर नवीन विचार और कपड़ा मशीनरी क्षेत्र में भारत के उदय के विजन को प्रस्तुत करेगा। मुझे यकीन है कि यह सत्र नीति निर्माण और रणनीति निर्माण में ज्ञान का उपहार होगा और कपड़ा क्षेत्र के विकास के लिए एक सहारे के रूप में कार्य करेगा।”
छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण शुक्ला ने कहा कि, “छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कपड़ा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसका निर्यात 24 वर्षों में 34.9 अब्ज डॉलर रहा है, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.3% और राष्ट्रीय निर्यात में 10.5% का योगदान देता है। छत्तीसगढ़ एक विद्युत उर्जा आधिक्य राज्य है, जो 13 अन्य राज्यों को बिजली की आपूर्ति तो करता ही है, साथ ही व्यवसायों के लिए भी निर्बाध बिजली की आपूर्ति प्रदान करता है, जो औद्योगिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। कपास, रेशम और मानव निर्मित कपड़ों के बढ़ते निर्यात और जांगीर चंपा में होने जा रहे आगामी वस्त्रोद्योग पार्क के साथ यह भविष्य का कपड़ा केंद्र बनने के लिए तैयार है। 25,000 से अधिक एमएसएमई और 1400 से अधिक डीपीआईटी-पंजीकृत स्टार्टअप के साथ, छत्तीसगढ़ एक संपन्न उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र/ व्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है।”
बीटूबी खेमे में वाणिज्यिक शाखा के एशियाई अरब चैंबर जैसे प्रमुख उद्योग हस्तियों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए। सहयोग को बढ़ावा देने के लिए यह एमओयू महत्वपूर्ण थे, जो कपड़ा उद्योग में नवाचार और विकास को बढ़ावा देंगे।
वाणिज्यिक शाखा के एशियाई अरब चैंबर के आदरणीय व्यापार आयुक्त मुर्तुजा शब्बीर अर्सिवाला ने कहा, “हमने एशियाई प्रदेशों के साथ-साथ मध्य पूर्व के भागों में भी काम किए हैं, और हम अब तक द्विपक्षीय व्यापार, आयात-निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ सीमा पार निवेश करने के मामले में दोनों पक्षों की कंपनियों की सहायता करने में सफल रहे हैं। मुझे परिधान क्षेत्र में काम काम करने का तजुर्बा नहीं है, लेकिन जब भी मैं काम के लिए दुनिया के किसी देश या कुछ ऐसी जगहों पर जाता हूँ या किसी प्रतिनिधिमंडल के साथ जाता हूं, तो वस्त्रोद्योग हमेशा मेरे एजेंडे में होता हैं। इसलिए, मैं आपके संगठन के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
इस कार्यक्रम में नवी मुंबई नगर निगम, वस्त्र समिति, एचएसएनसी, सीफोरसी एसबीआई फाउंडेशन और टीआईएसएसईआर की संयुक्त पहल “परिवर्तन के धागे (थ्रेड्स ऑफ ट्रान्सफॉर्मेशन)” इस शीर्षक के साथ उद्योग जगत के महत्वपूर्ण मुद्दों पर कई जानकारीपूर्ण सत्र और कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें वस्त्र उद्योग के टिकाऊ तरीकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पोस्ट-उपभोक्ता, वस्त्र पुनर्चक्रण पर प्रकाश डाला गया, जो भारत के २५ से अधिक राज्यों में 200 से अधिक कारीगर संस्कृतियों का समर्थन करता है, साथ ही पारंपरिक शिल्प को संरक्षित रखता है और बढ़ावा देता है।
कार्यक्रम का दूसरा दिन पुनर्चक्रित, अपसायकल और सतत फैशन कला एवं फैशन शो के साथ संपन्न हुआ, जो अविश्वसनीय कलात्मकता और संस्कृतियों के सम्मिश्रण का आभार व्यक्त करता है, जिसे कलाकारों द्वारा तैयार किया गया था, जिसमें वस्त्र अपव्यय की समस्याओं के लिए अभिनव समाधान प्रदर्शित किए गए और फैशन एवं वस्त्र उद्योग में सतत विकास की अपील की गई।
बीटूबी खेमे ने व्यावसायिक संबंध बढ़ाने के लिए एक केंद्र के रूप में काम किया, यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ उद्योग के पेशेवर समूह बना सकते है, सहयोग बढ़ाने के लिए प्रयास कर सकते है और कपड़ा उद्योग में भविष्य के रुझानों और संभावनाओं के बारे में बात कर सकते है। खेमे में व्यावसायिक गतिविधियों की भरमार थी, जिससे उद्योग के हितधारकों के बीच साझेदारी का माहौल बना रहा है।
वैश्विक कपड़ा उद्योग तकनीकी और अभियांत्रिकी प्रदर्शनी (जीटीटीईएस 2025) यह एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है, जिसमें उद्योग के दिग्गज, नवोन्मेषक और उत्साही लोग कपड़ा उद्योग की तकनीकी और अभियांत्रिकी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे। दूसरा दिन कई तरह की प्रेरक और आकर्षक गतिविधियाँ और व्यवसायिक संबंध बढ़ाने के अवसरों के साथ घटनापूर्ण रहा है।