नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों को दो दिन बाद यानी 1 मई से नए फायदें मिलेंगे। एसबीआई ने सेविंग अकाउंट और होम-ऑटो लोन पर लगने वाले ब्याज के तरीके को बदल दिया है। एसबीआई जमा बचत खातों की दर और लोन पर लगने वाली ब्याज दरें भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट से लिंक्ड करेगा। यानी आरबीआई के रेपो रेट घटाने के तुरंत बाद एसबीआई बैंक अपनी ब्याज दरें कम कर देगा। बैंक के मुताबिक यह दरें 1 मई से प्रभावी होंगी। एसबीआई ऐसा करने वाला पहला बैंक है जिसने अपने डिपॉजिट (जमा दरों) और कम अवधि के लोन पर ब्याज दरें आरबीआई के रेपो रेट से जोडऩे का ऐलान किया है।
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा की बैठक में रेपो रेट 0.25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6.50 फीसदी से 6.25 फीसदी कर दिया है। एसबीआई ने कम अवधि के लोन, एक लाख रुपये से अधिक के डिपॉजिट, एक लाख रुपये से अधिक के सभी कैश क्रेडिट अकाउंट्स और ओवरड्राफ्ट को रेपो दर से जोडऩे का फैसला किया है।
आरबीआई ने अपनी पॉलिसी में यह नियम बदलने का फैसला लिया था। एसबीआई के इस कदम से आरबीआई रेपो रेट में की कटौती या बढ़ोतरी को ग्राहकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया जल्दी हो पाएगी। बैंक अब तक आरबीआई की दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को तुरंत नहीं दे रहे थे जिस पर आरबीआई ने कई बार नाराजगी जताई थी।