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Rural Road Project : अब बस्तर के गांव भी कहेंगे ‘हम भी जुड़ गए, 240 करोड़ की लागत 87 नई सड़कें बनेंगी

Rural Road Project

Rural Road Project

बस्तर अपनी घनी वन सम्पदा और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अक्सर आवागमन की चुनौतियों का सामना करता रहा है, जहां सैकड़ों बसाहटें मुख्यधारा से कटी हुई थीं। इन विषम परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क (Rural Road Project) योजनातंर्गत जिले के अंदरूनी बसाहटों को बारहमासी आवागमन सुविधा से जोड़ने के लिए डामरीकृत पक्की सड़कों का निर्माण लगातार किया जा रहा है।

इसी कड़ी में अभी हाल ही में भारत सरकार से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनातंर्गत फैज-4 के तहत जिले में 240 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से 87 नई सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।

इन सड़कों की कुल लंबाई करीब 237 किलोमीटर है, जो बस्तर के ग्रामीण और दूरस्थ निवासियों के लिए एक वास्तविक जीवनरेखा साबित होंगी। यह परियोजना केवल सड़कों का निर्माण नहीं, बल्कि उन विरल आबादी वाले क्षेत्रों तक विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करने का एक मजबूत प्रयास है।

पीएमजीएसवाय के अंतर्गत स्वीकृत इन सड़कों (Rural Road Project) में कई ऐसी हैं जो विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ती हैं। इनमें प्रमुख हैं जगदलपुर विकासखण्ड की तिरिया से पुलचा तक की 14.40 किलोमीटर लंबी सड़क और लोहण्डीगुडा विकासखण्ड की बारसूर पल्ली रोड से कचेनार तक 7.50 किलोमीटर की कनेक्टिविटी, जो स्थानीय निवासियों के लिए बाजार, स्कूल, अस्पताल और सरकारी कार्यालयों तक पहुंचाना आसान बनाएगी।

सबसे चुनौतीपूर्ण माने जाने वाले दरभा विकासखण्ड में, दरभा कोलेंग रोड से खासपारा ककालगुर, लेण्ड्रा अटल चैक से भाटागुडा जैसे महत्वपूर्ण पड़ावों को जोड़ने वाली सड़क तथा पुराने ग्राम पंचायत से पडिया आठगांव एवं कुरेंगापारा रोड से जालाघाटपारा व्हाया चालकीपारा तक की सड़कें भी शामिल हैं। ये सभी नाम उन बसाहटों के हैं जहां बेहतर कनेक्टिविटी अत्यंत आवश्यक थी।

इस परियोजना के तहत बकावंड और लोहांडीगुड़ा जैसे विकासखंडों में सर्वाधिक 50 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें स्वीकृत की गई हैं। कुल 87 सड़कों का यह विशाल नेटवर्क बस्तर के लोगों को न केवल सुगम आवागमन प्रदान करेगा, बल्कि विषम परिस्थितियों में रहने वाले प्रत्येक ग्रामीण तक शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के पहुंचना भी सुनिश्चित करेगा। यह स्वीकृति बस्तर के समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

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