भारत के टू-व्हीलर बाजार में नवंबर ने एक दिलचस्प तस्वीर पेश की है। जहां हीरो मोटोकॉर्प और रॉयल एनफील्ड ने रिकॉर्डतोड़ बिक्री के साथ ज़बरदस्त उछाल दर्ज किया, वहीं बजाज ऑटो घरेलू मार्केट (Royal Enfield November sales) में पिछड़ गया। फेस्टिव सीज़न की मांग और ग्रामीण बाज़ार में बढ़ती रिकवरी ने कई कंपनियों की ग्रोथ को सहारा दिया, लेकिन कुछ ब्रांड इस लहर का पूरा फायदा नहीं उठा पाए।
हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री में 31% की ताबड़तोड़ बढ़ोतरी
टू-व्हीलर सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने नवंबर में शानदार प्रदर्शन किया। कंपनी की कुल बिक्री 31 प्रतिशत बढ़कर 6,04,490 यूनिट पहुंच गई, जबकि पिछले साल यही आंकड़ा 4,59,805 यूनिट था।
घरेलू बाजार में कंपनी की पकड़ और मजबूत हुई—नवंबर में 5,70,520 यूनिट्स बिकीं, जो पिछले साल की 4,39,777 यूनिट्स की तुलना में काफी अधिक है। निर्यात भी तेजी में रहा और इस बार कंपनी ने 33,970 वाहनों को विदेशों में भेजा, जो पिछले साल के 20,028 यूनिट्स (Royal Enfield November sales) से काफी ज्यादा है।
हीरो का अंतरराष्ट्रीय विस्तार
कंपनी के अनुसार, नए उभरते बाजारों में मांग बढ़ी है, जिससे नवंबर में एक्सपोर्ट में मजबूत उछाल देखने को मिला।
रॉयल एनफील्ड की बिक्री 22% चढ़ी
क्लासिक 350 जैसी बाइक्स की लोकप्रियता बरकरार रहने से रॉयल एनफील्ड ने भी नवंबर में दमदार प्रदर्शन किया। कंपनी की कुल बिक्री 22 प्रतिशत बढ़कर 1,00,670 यूनिट हो गई, जबकि पिछले साल नवंबर में यह 82,257 यूनिट थी।
घरेलू बिक्री में 25 फीसदी की भारी बढ़ोतरी दर्ज (Royal Enfield November sales) की गई और यह आंकड़ा 72,236 यूनिट से बढ़कर 90,405 यूनिट पर पहुंच गया। निर्यात भी मामूली ऊपर गया—10,021 यूनिट से बढ़कर 10,265 यूनिट।
एनफील्ड की बढ़ती डिमांड
नए मॉडलों और रीब्रांडिंग रणनीति ने कंपनी को युवा उपभोक्ताओं के बीच और ज्यादा लोकप्रिय बना दिया है।
बजाज ऑटो की घरेलू दोपहिया बिक्री घटी
दूसरी ओर बजाज ऑटो नवंबर में घरेलू स्तर पर पिछड़ गया। कंपनी की घरेलू दोपहिया बिक्री 1 प्रतिशत घटकर 2,02,510 यूनिट रह गई, जबकि पिछले साल यह 2,03,611 यूनिट थी। हालांकि कुल थोक बिक्री (घरेलू + निर्यात) 8 प्रतिशत बढ़कर 4,53,273 यूनिट हो गई—जो पिछले साल की 4,21,640 यूनिट से काफी ज्यादा है।
कमर्शियल सेगमेंट ने दिया सहारा
नवंबर में बजाज की कुल घरेलू बिक्री (दोपहिया + कमर्शियल) 3 प्रतिशत बढ़कर 2,47,516 यूनिट पर पहुंच गई। निर्यात में भी कंपनी को 14 प्रतिशत की ग्रोथ मिली है – 1,80,786 से बढ़कर 2,05,757 यूनिट। कुल मिलाकर, निर्यात और कमर्शियल वाहनों में मजबूत प्रदर्शन ने घरेलू गिरावट का नुकसान काफी हद तक संभाल लिया।

