Site icon Navpradesh

Rheumatism: गठिया: ठंड में होती है सबसे ज्यादा परेशानी, ऐसे करें उपाए…

Rheumatism, Arthritis, The most troublesome condition in cold, this is how you take,

Rheumatism

Rheumatism: अधिकांशतया यह रोग सफाई से भोजन न पकने के फलस्वरूप फैलता है। अस्वस्थ भोजन या दूषित पेय जल के सेवन से ‘फूड प्वाइजनिंग’ (food Poisoning) हो जाती है और शरीर में विष फैलता है। रोगी के पेट में मरोड़ और दस्त लग जाते हैं। मितली आती है, बुखार होता है। तथा शरीर में कमजोरी आ जाती है। 

आमवात का उपचार

रासना 3 भाग, खरैटी, नागरमोथा एक-एक भाग मिलाकर काढ़ा बनाकर देने से रोगी को लाभ मिलता है। आमवात (Rheumatism) के रोगी का कब्ज दूर करने के लिए एरन्ड का तेल सबसे श्रेष्ठ रेचक औषधि माना गया है। हरड़ की दाल, गोखरू, सहजाना, चव्य आदि मिलाकर इसकाकाढ़ा पीने से भी इस रोग में लाभ मिलता है। 

अग्नितुण्डी बटी 20 ग्राम और शंख भस्म 40 ग्राम-दोनों को मिश्रित करके सुबह-शाम उष्ण जल से सेवन कराएं। रोगी को दशमूलारिष्ट 15 मिली. इतना ही जल मिलाकर भोजन के बाद सेवन कराने से बहुत लाभ होता है। लहसुन का स्वरस और घी मिलाकर पीने से आमवात नष्ट होता है।

तीव्रावस्था में वृहतवात चिंतामणि रस को दो ग्राम मात्रा में सुबह और शाम मधु के साथ सेवन करने से पीड़ा और ज्वर की तीव्रता नष्ट होती है। , सहिजन की जड़, गोखरू, सोये, वरूणा की छाल, बला, पुनर्नवा, कचूर प्रसारिणी, जयन्ती की फली, हींग इत्यादि को कांजी के साथ पीसकर लेप बनाकर हल्का गर्म करके लगाने से आमवात रोग (Rheumatism) की वेदना नष्ट हो जाती है।

दशमूल या सोंठ का क्वाथ बनाकर उसमें एरण्ड का तेल मिलाकर पीने से आमवात (Rheumatism) में उदर, मूत्राश्य ओर कमर की पीड़ा नष्ट होती है। कचूर, सोंठ, बड़ी हरड़, दूधिया बच, देवदारू, रासना, गुर्व आदि का जल में क्वाथ बनाकर पीने से आमवात का पाचन होता है । 

पुनर्नवा मण्डुर 500 मिग्रा. अग्नितुण्डी बटी 250 मिग्रा. और राठी चूर्ण 250 किग्रा. तीनों को एक साथ खरल द्वारा मिश्रित करके महारास्वदि क्वाथ से सेवन करने से आमवात रोग शीघ्र नष्ट होता है।

Note: यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही उपाय करें ।

Exit mobile version