Rein in Pension : पंजाब के मुुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वहां के पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन पर कैची चला दी है। अब तक पंजाब में यह व्यवस्था थी कि जो भी व्यक्ति जितनी बार विधायक बनेगा उसे उतने कार्यकाल की पेंशन मिलेगी। यदि कोई तीन बार विधायक बनता है तो उसे तीन बार की पेंशन मिलती रही है। इस तरह पंजाब में ऐसे कर्ई पूर्र्व विधायक है जिन्हें चार से पांच लाख रुपए तक की पेंशन मिलती रही है यह सरकारी खजाने में डकैती नहीं तो और क्या है।
जनता ने सत्ता सौंप कर खजाने की चाबी हाथ में पकड़ा दी तो इसका यह मतलब नहीं कि आप सरकारी खजाने को दोनों हाथों से लूटने लगे। इस तरह की फिजूल खर्ची के कारण ही आज पंजाब लगभग तीन हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूब चूका है। बहरहाल पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पूर्व विधायकों को अब सिर्फ एक ही पेंशन देने का नियम बनाकर अनुकरणीय कदम उठाया है।
अन्य राज्य सरकारों को भी जहां पूर्व विधायकों को एक से ज्यादा पेंशन मिलती (Rein in Pension) है वहां भी यह नियम लागू किया जाना चाहिए। इसी के साथ ही ऐसे माननीय जो कभी विधायक तो कभी सांसद चूने जाते है और वे पूर्व विधायक के नाते तथा पूर्व सांसद के नाते दो-दो पेंशन उठाते है। उसमें भी नियम बदले जाए और उन्हें सिर्फ एक ही पेंशन दी जाए। कायदे से तो पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को पेंशन मिलनी ही नहीं चाहिए।
ये माननीय देश सेवा और जन सेवा के लिए राजनीति में आते है और मात्र साल के लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के बाद आजीवन पेंशन की पात्रता पा जाते है। जबकि दूसरी ओर तीन साल सरकारी नौकरी करने वाले नौकरशाहों की पेंशन खत्म कर दी गर्ई है तो फिर इन माननीयों को आखिर पेंशन क्यों। वैसे भी विधायक और सांसद होने के नाते इन्हें वेतन के रूप में मोटी रकम मिलती है। इसके अलावा अन्य और भी कई सुविधाएं इन्हें प्राप्त होती है।
नि:शुल्क आवास, मुफ्त टेलीफोन, फ्री में रेल हवाई जहाज की यात्रा से लेकर इन्हें बहुत सी सुविधाएं इन्हें सरकार प्रदान करती है। संसद और विधानसभाओं की कैंटीन में इन्हें लगभग मुफ्त में खाना भी दिया जाता है। इसके बाद भी इन्हें पेंशन देना कतई उचित नहीं है। इस बारे में केन्द्र सरकार को सर्र्वदलिय बैठक बुलाकर सांसदों और विधायकों को दी जाने वाली पेंशन को खत्म करने के मुद्दे पर विचार करना चाहिए और एक कानून बनाकर पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों की पेंशन पात्रता खत्म कर देनी चाहिए।
यदि ऐसा किया गया तो केन्द्र सरकार (Rein in Pension) और राज्य सरकारों का हर साल अरबों रुपए बचेगा जो कल्याणकारी कार्यक्रमों पर व्यय किया जा सकेगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों की पेंशन समाप्त करने के मुद्दे पर केन्द्र सरकार जल्द से जल्द कारगर पहल करेगी।