Editorial: आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र में अब लाल आतंक अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। कुख्यात नक्सली कमांडर और झीरम घाटी हमले के मास्टरमांइड माडवी हिड़मा के खात्में के बाद दूसरे दिन भी सुरक्षाबल के जवानों ने और सात नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इसी के साथ अब नक्सलियों के सफाए की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीयसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ को नक्सली आतंक से मुक्त कराने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के माथे पर चस्पा लाल आतंक रुपी यह काला धब्बा शायद इतनी जल्दी मिटने के कगार पर नहीं पहुंच पाता यदि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश से माओवादियों को मिटाने के लिए भीष्म प्रतिज्ञा नहीं ली होती। अमित शाह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के रुप में साहसी साथी मिला और जय व वीरू की जोड़ी ने गब्बर सिंह रुपी नक्सलियों पर ऐसे शोले बरसाए कि उनके पैर उखडऩे लगे और अब तो बस्तर में गिनती के ही नक्सली बचे हैं। उन्हे भी निर्धारित समय सीमा के पहले ही नेस्तनाबूत कर दिया जाएगा ऐसी उम्मीद है। अमित शाह लगातार छत्तीसगढ़ आते रहे।
बस्तर जाकर सुरक्षा बल के जवानों का हौसला बढ़ाते रहे। उन्हें अत्याधुनिक हथियारों सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराते रहे। उनके ही भागीरथ प्रयासों तथा छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के प्रयत्नों का ही यह सुपरिणाम है कि आदिवासी बहुल बस्तर जिसे माओवादियों ने बारुद की ढेर पर बैठा दिया था अब वह शांति का टापू बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। नक्सलियों के सफाए में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बल के जवानों के जज़्बे को भी सलाम।
उनका कुशल नेतृत्व करने वाले बस्तर आई पी. सुंदरराज भी साधुवाद के पात्र हैं। जिनके सद प्रयासों से नक्सलियों के खिलाफ खंदक की लड़ाई में सुरक्षा बलों को नित नई सफलता मिलती रही है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बस्तर आईजी पी. सुंदरराज न सिर्फ बधाई के पात्र हैं बल्कि पुरस्कार के भी हकदार हैं।
बहरहाल अब वह दिन दूर नहीं दिखता जब बस्तर में शांति की बहाली हो जाएगी जो भी बचे खूचे नक्सली हैं उनका भी जल्द ही सफाया कर दिया जाएगा। और इसके बाद बस्तर में विकास की बयार बहने लगेगी। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र प्राकृतिक रूप से पर्यटन के लिए एक आदर्श क्षेत्र के रूप में विकसित हो सकता है। यदि वहां से नक्सलियों का सफाया हो जाता है तो देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना शुरू हो जाएगा और बस्तर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटन के नक्शे में अपना अलग स्थान बनाने में सफल हो जाएगा।

